फरीदाबाद में किसानों द्वारा रहबरे आजम दीनबन्धु सर् छोटूराम की जयन्ती मनाई गई

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फरीदाबाद : गाँव खेडी कलाँ मे आज ग्रामवासी व किसानों द्वारा रहबरे आजम दीनबन्धु सर् छोटूराम की जयन्ती मनाई गई। छोटूराम भवन में स्थापित उनकी प्रतिमा पर सुवेदार मेजर चौ० देशराज द्वारा माल्यापर्ण किया गया। इस मौके पर किसान संघर्ष समिति नहरपार फरीदाबाद के महासचिव सत्यपाल नरवत अपनी टीम के साथ विशेष रूप से उपस्थित थे | रिषीपाल जाँगडा द्वारा जयन्ती पर सभी उपस्थित समूह को मिठाई बांटी गई। अपने मसीहा के जयती समारोह में मुख्य रूप से पूर्व सरपंच जिलेसिह, पत्रकार रामरतन, पंडित प्रताप, प्रकाशचंद, गोविन्दा, गिरोज पंडित विरमपाल, राजेन्द्र सोलंकी, रामकिशन, मंगलीराम, जगदीश, भर्तलाल, कमलसिंह, गिर्राज, देवीराम सोलंकी, पवन नरवत, जजपा नेता पवन, प्रवीण, कृष्ण पहलवान, किशनसिंह, मोहनलाल, चन्दरसिंहॅ, रमणसिंह, डा० ग्यासीराम पूर्व सरपंच, तेजपाल, प्रेम नम्बरदार, दुलीचन्द, जीतराम, प्रेमराज, जितेन्द्र उर्फ टूटू आदि उपस्थित थे। इस मौके पर किसान आन्दोलन में शहीद हुये लगभग 700 किसानो एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं एवं दुर्घटनाओं में मारे गये लोगों को दो मिनट का मौनधारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

 इस अवसर पर किसान संघर्ष समिति के महासचिव सत्यपाल नरवत ने सर छोटूराम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सर छोटूराम का जन्म 24 नवम्बर 1881 को झज्जर जिले के गांव गढ़ी सापला में हुआ एक साधारण किसान परिवार में हुआ इनका असली नाम ब्रजलाल था । परिवार में सबसे छोटा होने के कारण सभी छोटू कहकर बुलाते थे। चौ. छोटूराम किसी एक विरादरी के नेता नही थे। वह सर्व समाज व किसानों के नेता थे उनके कार्यों की प्रशंसा सभी जाति के लोग व सभी राजनीतिक पार्टियां करती हैं उन्होंने पंजाब सरकार मैं राजस्व मंत्री रहते हुए कई कानून किसान हित व मजदूर हित में पास कराये । मंडिया की व्यवस्था करना, न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करना, किसानों को कर्ज मुक्त करना, जमीन को कुर्की होने से बचाना, मजदूरों के काम के घंटे तय करना, साहूकारों से किसानों की जमीन वापस दिलाना आदि अनेकों अनगिनत कार्य समाज हित में की है उनके द्वारा समाज हित में किसानों के हित में बगैर किसी भेदभाव के किए गए कार्यों के लिए रहबर आजम दीनबंधु एवं सर जैसी उपाधियों से नवाजा गया उनकी जयंती के अवसर पर किसान समाज सरकार से मांग करता है कि ऐसी शख्सियत को भारत रत्न से नवाजा जाए।