“सर्दियों में पोषण” पर गोष्ठी सम्पन्न
दिल्ली,मामेंद्र कुमार : केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “सर्दियों में पोषण” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया । यह कोरोना काल में 318 वां वेबिनार था। मुख्य वक्ता प्रो.करुणा चांदना ने कहा कि सर्दियों में सावधानी रखना अत्यंत आवश्यक है, सुरक्षात्मक सर्दियों के लिए ऊर्जावान व पौष्टिक आहार लें । उन्होंने कहा कि शरद ऋतु में पदार्पण करते ही मन में एक ऐसी छवि बन जाती है कि जैसे भारी-भरकम कपड़े ऊनी कपड़े, कंबल,फटी फटीत्वचा, फटी एड़ियां,गरम गरम चीज का सेवन आदि आदि।हर मौसम की तरह सर्दियों में भी अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखना होता है। सर्दी में तापमान गिरना शुरू हो जाता है जिससे हमारा एनर्जी लेवल कम हो जाता है खास करके कड़ाके की सर्दी में मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है।
एनर्जी कम होने से शरीर सर्दी से नहीं लड़ पाता जिससे जल्दी से वायरल तथा दूसरी बीमारियां घेर लेती है क्योंकि ठंडा तापमान, शुष्क हवा,कम आद्रता आदि परिस्थितियां माइक्रो ऑरगैनिसमैस के सक्रिय प्रजनन के लिए अनुकूल है। यही अनुजीवी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को कम करते हैं जिससे हमें खांसी, जुकाम, इनफ्लुएंजा, साइनोसाइटिस,ज्वाइंट पेन जैसी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खास करके दिल्ली तथा एनसीआर में दिवाली तथा पराली के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ जाता है जिससे हमें सूखी खांसी अस्थमा रेस्पिरेट्री लंग डिसीसिस होने का खतरा रहता है।न्यूट्रीशनिस्ट के तौर पर मेरा यह कहना है कि इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए भोजन तथा जीवन शैली में बदलाव लाना अत्यंत जरूरी है वैसे भी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए सर्दी का मौसम बहुत बेहतर है क्योंकि भूख अच्छी लगती है पाचन शक्ति अच्छी होती है शरीर का इंजन अच्छे से काम करता है तो शरीर को हष्ट पुष्ट करने का इससे उत्तम समय कोई और नहीं हो सकता। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हमें निरंतर खाने में हर्ब्स,मसाले, सुपरफूड्स तथा शरीर को गरम, रखने वाले,ऊर्जा युक्त तथा पौष्टिक खाद्य पदार्थ खाने चाहिए तभी हमारी सर्दी सुरक्षात्मक तथा आनंद पूर्वक बन सकती है।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि सर्दियों में स्वास्थ्य व पौष्टिक आहार में संतुलन बनाए रखे।
आर्य नेत्री सुमन गुप्ता व कमलेश चांदना ने कहा कि हमारी रसोई हमारा चिकित्सालय है,हर चीज वहाँ उपलब्ध है।लेकिन हमें बीमारी आने पर उपवास व कच्चे फलाहार का सहारा लेना चाहिए इससे अधिक लाभ होगा। राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि परहेज इलाज से बेहतर है। गायिका दीप्ति सपरा,प्रवीना ठक्कर, सुमित्रा गुप्ता,रेणु घई, कमलेश चांदना (मेरठ),कमला हंस,आशा ढींगरा, कुसुम भंडारी, कृष्णा मुखी आदि के मधुर भजन हुए ।