योग से तन,मन ही नहीं राष्ट्र और समाज भी स्वस्थ होंगे -योगाचार्य रजनी चुघ

Spread This

दिल्ली,मामेंद्र कुमार : केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “योग से बदले जीने का अंदाज” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी सम्पन्न हुई ।
यह कॅरोना काल में 321 वा वेबिनार था । योगाचार्य रजनी चुघ ने कहा कि योग से स्वस्थ मन व शरीर ही नहीं होता अपितु राष्ट्र व समाज भी स्वस्थ होता है । आत्मा और परमात्मा का एक हो जाना ही योग है । जब शरीर, मन, इंद्रियां, संयम जब व्यक्ति के काबू में हो जाये तो वही योग है । योग करने से आचरण, व्यवहार, सम्बन्ध अच्छे होने से समाज भी अच्छा बनेगा । समाज से गलत मानसिकता बुराइयों को योग साधक दूर कर सकते है । बच्चों को योग की ओर आकर्षित करने से अनुशासन व चरित्र उज्ज्वल होगा । वास्तव में योग जीवन जीने की कला है योग अपनाने से जीने का अंदाज बदल जायेगा ।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने समाजसेवी सुचेता कृपलानी की 47 वी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह भारत के किसी राज्य की पहली मुख्यमंत्री थी , 1963 में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी। उन्होंने महात्मा गांधी जी के साथ स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई । वह एक कुशल प्रशासक भी रही । 1 दिसम्बर 1974 को उनका निधन हो गया । मुख्य अतिथि ऑस्ट्रेलिया से प्रेम हंस व अध्यक्ष अनिता रेलन ने भी योग करने व अपनाने पर बल दिया । राष्ट्रीय मंत्री प्रवीन आर्य ने कहा कि योग समाज को जोड़ने का नाम है,जब प्रतिदिन सुबह पार्क में मिलकर योग करते हैं तो भाई चारा मजबूत होता है । गायक रविन्द्र गुप्ता,वीना वोहरा,रजनी गर्ग,उषा आहुजा,दीप्ति सपरा, प्रवीना ठक्कर, सुमन गुप्ता, कमलेश चांदना, सुमित्रा गुप्ता आदि ने मधुर भजन सुनाये ।