राष्ट्र की प्रतिष्ठा संस्कारवान नागरिकों से होती है -डॉ. कल्पना रस्तोगी
दिल्ली, मामेंद्र कुमार (चीफ एडिटर) : केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “बच्चों में जीवन मूल्यों का संवर्द्धन” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया । यह कॅरोना काल में 326 वा वेबिनार था । मुख्य वक्ता डॉ. कल्पना रस्तोगी ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रतिष्ठा उसके संस्कारवान व चरित्र वान नागरिकों से होती है । जो संस्कार व शिक्षा बाल्यकाल में उन्हें दी जाती है वही उनका भविष्य तय करते हैं । उन्होंने कहा कि जीवन मूल्य का अर्थ है अच्छे संस्कार या ऐसे जीवन सिद्धांत जो स्वयं के जीवन को सुंदर बनाने के साथ साथ परिवार और समाज को भी सुंदर बनाने में सहायक हो सकें । प्रत्येक माता पिता का कर्तव्य है कि बच्चो में छोटी आयु से ही जीवन मूल्यों का विकास करें | मनुष्य के भीतर अच्छे सस्कार और बुरे सस्कार दोनों जन्म से ही बीज रूप में रहते हैं | हमें स्वयं का उदाहरण प्रस्तुत करके अच्छे संस्कारों के बीज को सींचकर उनका संवर्धन करना चाहिए | बच्चे की पहली पाठशाला घर होती है इसलिए सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है घर का वातावरण | परिवार में यदि सब स्नेहशील हों , एक दूसरे का ध्यान रखते हों ,बोलचाल में सभ्यता सौम्यता हो और बड़ों का सम्मान किया जाता हो तो बच्चे भी ये ही संस्कार ग्रहण करेंगे | शालीनता और सहनशीलता जैसे मूल्यों की कमी के कारण ही आज परिवार में और समाज में छोटी छोटी बातों पर झगडे दिखाई देते हैं |
बच्चा तो एक कोरे कैनवास की तरह होता है ,वह जो देखेगा,सुनेगा वही चित्र उसके मन मस्तिष्क में बनते जाएँगे | इसलिए हम उसके समक्ष जो भी व्यवहार करें ,यह ध्यान रखे कि बच्चा यही व्यवहार सीख लेगा | बच्चो में ईश्वर में आस्था रखना ,बड़ो का सम्मान ,मेहनत से न घबराना,ईमानदारीअसफल होने पर निराश न होना ,पुनः उठकर आगे बढ़ना, अपने मित्रो,रिश्तेदारों से अच्छे सबंधों को महत्त्व देना आदि जीवन मूल्य पिरोना बहुत आवश्यक है जो कदम कदम पर उनका मार्ग प्रशस्त करेंगे | आज सोशल मीडिया का अत्यधिक प्रयोग संस्कारों के संवर्धन में बाधा बन गया है | माता पिता को सोशल मीडिया का प्रयोग स्वयं भी सीमा में करना चाहिए और बच्चो के प्रयोग पर भी नियंत्रण रखना चाहिए ।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि किसी राष्ट्र की पहचान ईंट मिट्टी से बने भवनों से नहीं अपितु उसके नागरिको के चरित्र से होती है । परिषद का लक्ष्य है मातृ पितृ भक्त,ईश्वर भक्त, देश भक्त युवा पीढ़ी का निर्माण करना जिससे राष्ट्र की नींव मजबूत हो । मुख्य अतिथि आर्य नेता राजेश मेहंदीरत्ता व अध्यक्ष संतोष नंदवानी ने भी व्यक्ति के निर्माण पर बल दिया । राष्ट्रीय मंत्री प्रवीन आर्य ने कहा कि हमारी संस्कृति जीवन मूल्यों की संस्कृति है धन बल नहीं त्याग का सम्मान होता है गायक रविन्द्र गुप्ता, प्रवीना ठक्कर, दीप्ति सपरा, मधु खेड़ा, जनक अरोड़ा, प्रतिभा कटारिया, कमला हंस,कुसुम भंडारी, मर्दुल अग्रवाल,रचना वर्मा,सुरेश आर्य आदि ने मधुर भजन सुनाये ।