युवा सुमेर बख्शी को मिली गंगा पुत्र की संज्ञा, बनाई डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल में होगी शामिल
फरीदाबाद : युवा सुमेर बख्शी को देश के नामी-गिरामी लोगों ने गंगा पुत्र की संज्ञा दी है। मात्र 16 वर्ष की उम्र में उन्हें गंगा की स्वच्छता को लेकर उनके द्वारा धरातल पर किए जा रहे प्रयास के लिए उन्हें अंतराष्ट्रीय स्तर की संस्था अर्थ डे द्वारा राइजिंग स्टार अवार्ड से सम्मानित किया गया। सुमेर हांडा बख्शी ने न केवल स्वयं गंगा की स्थिति को सुधारने की ठानी बल्कि विदेशी युवाओं को भी प्रेरित किया जिसका परिणाम यह है कि आज सुमेर से प्रभावित होकर अन्य देशों के युवा भी गंगा की सफाई के लिए आगे आ रहे हैं। सुमेर हांडा बख्शी ने हाल ही में गंगा की दुखद स्थिति पर एक डॉक्युमेंट्री बनाई जिसमें उन्होंने दर्शाया हुआ है कि किस तरह गंगा भारत देश में आस्था का प्रतीक मानी जाती है तथा गंगा को मां का दर्जा दिया जाता है लेकिन कुछ लोग उसी गंगा को किस तरह से दूषित कर रहे हैं। सुमेर बख्शी ने एक कार्यक्रम में इस डॉक्युमेंट्री का प्रदर्शन किया और गंगा मिशन को लेकर अपनी सोच स्पष्ट की।
सुमेर की यह डॉक्युमेंट्री फिल्म फेस्टिवल में भी प्रदर्शित की जाएगी। कार्यक्रम में सुमेर का हौंसला बढ़ाने के लिए निसान के एमडी राकेश श्रीवास्तव, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार यानि नमामि गंगे के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा, प्रिंसीपल सैकेटरी टैक्सटाइल, भारत सरकार यूपी सिंह, खेतान गु्रप के एमडी ललित खेतान, राजीव मिश्रा, डायरेक्टर जनरल नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा, अमिता प्रसाद डायरेक्टर, जनरल इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया, करुणा ङ्क्षसह रीजनल डायरेक्टर एशिया अर्थ डे नेटवर्क सहित कई गणमान्य जन मौजूद रहे। इस मौके पर सभी ने सुमेर के साथ-साथ उनके पिता राजीव बख्शी, मां रचना बख्शी की मुक्त कंठ से तारीफ करते हुए कहा कि उनके संस्कारों के कारण ही सुमेर इस उम्र में प्रकृति व पर्यावरण के लिए इस तरह की सकारात्मक सोच रखता है तथा सुमेर को गंगा पुत्र की संज्ञा दी और कहा कि सुमेर युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत बने हैं। सुमेर की इस मुहिम में उनके पिता राजीव बख्शी व मां रचना बख्शी के अलावा उनकी बहन सान्या बख्शी, उनके परिवार के अन्य सदस्य भी उनकी हौंसला अफजाई के लिए जुटे हुए हैं। जिस उम्र में युवा अपने करियर को लेकर गंभीर होते हैं, उस उम्र में एक युवा ने गंगा की स्वच्छता के लिए कुछ कर गुजरने की ठानी और मात्र 16 वर्ष की उम्र में उन्हें गंगा की स्वच्छता को लेकर उनके द्वारा धरातल पर किए जा रहे प्रयास के लिए उन्हें अंतराष्ट्रीय स्तर की संस्था अर्थ डे द्वारा राइजिंग स्टार अवार्ड से सम्मानित किया गया।