हरियाणा में कोरोना की तीसरी लहर में तेजी, ओमिक्रोन के 26 सहित 5746 नए मरीज मिले

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CoronaVirus: हरियाणा में ओमिक्रोन और कोरोना संक्रमण का फैलाव बदस्तूर जारी है। पिछले 24 घंटे के दौरान में प्रदेश में 5746 नए कोराना संक्रमित मरीज मिले। इनमें 26 संक्रमित ओमिक्रोन के हैं। अब तक प्रदेश में ओमिक्रोन के 162 मरीज मिले हैं, जिनमें से 145 रोगी ठीक हो चुके हैं। 17 उपचाराधीन हैं।

अंबाला, सिरसा व यमुनानगर में एक-एक मरीज की मौत

कोरोना की जंग में जिंदगी की सांसों की डोर के टूटने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। पिछले 24 घंटों में अंबाला, सिरसा व यमुनानगर में एक-एक मरीज की मौत हुई है। फिलहाल 5123 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं और 21 हजार 690 लोग घर पर ही दवा ले रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 1407 रोगी ठीक हुए।

गुरुग्राम में 2385, फरीदाबाद में 1015, पंचकूला में 441, अंबाला में 385 मरीज मिले

पिछले 24 घंटे के दौरान सबसे ज्यादा गुरुग्राम में 2385, फरीदाबाद में 1015, पंचकूला में 441, अंबाला में 385, करनाल में 349, सोनीपत में 184, झज्जर में 120, हिसार में 97, रोहतक में 96, यमुनानगर में 87, कुरुक्षेत्र में 79, सिरसा में 78, भिवानी में 76, रेवाड़ी में 47, कैथल में 43 और फतेहाबाद में 32 नए संक्रमित मिले हैं। सबसे कम चरखी दादरी में 24 और नूंह में 14 रोगी मिले।

पिछले 24 घंटे के दौरान दो लाख 32 हजार 591 लोगों ने कोरोना से बचाव का सुरक्षा कवच पहना। इनमें एक लाख 12 हजार 786 ने पहली और एक लाख 8 हजार 141 को दूसरी डोज लगी। प्रदेश में अभी तक तीन करोड़ 72 लाख 87 हजार 127 लोगों को वैक्सीनेशन लगी है। इसमें दो करोड़ 17 लाख 23 हजार 198 को पहली और एक करोड़ 55 लाख को 40 हजार 860 को दूसरी डोज लग चुकी है। 23 हजार 69 लोगों ने तीसरी डोज ली है।

प्रदेश में दैनिक संक्रमण दर 13.89 प्रतिशत पर पहुंच गई0 है, जबकि ओवरआल संक्रमण दर 5.36 प्रतिशत है। रिकवरी दर लुढ़ककर 95.42 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है। राहत की बात यह है कि मृत्यु दर घटकर 1.25 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है।

सचिवालय में 50 प्रतिशत स्टाफ बुलाने के नियम की धज्जियां

प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने दफ्तरों में सिर्फ 50 प्रतिशत स्टाफ बुलाने के आदेश जारी किए हैं। इसके उलट हरियाणा सचिवालय में इस आदेश को पूरी तरह लागू नहीं किया जा रहा। गृह विभाग, वित्त निगम और हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम सहित कई महकमों और बोर्ड-निगमों में लगभग पूरे स्टाफ को बुलाया जा रहा है, जिससे यहां संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है।