राष्ट्रीय लोकदल पार्टी में शामिल चार बार सांसद रहे अवतार भड़ाना की छठी बार गुलाठी
उत्तर-प्रदेश/ फरीदाबाद : बार सांसद रहे और भाजपा से मीरापुर के मौजूदा विधायक अवतार सिंह भड़ाना बुधवार को आरएलडी में शामिल हो गए। दिल्ली में रालोद मुखिया जंयत चौधरी के साथ मिलकर भाजपा नेता ने रालोद ज्वाइन की। इस विधानसभा चुनाव में अब वह गुर्जर बाहुल्य इलाके गौतमबुद्धनगर की जेवर सीट से चुनाव लड़ेंगे। स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोड़ने के दूसरे दिन भाजपा को गुर्जर बिरादरी में बड़ा झटका लगा है। 10 फरवरी को वेस्ट यूपी में चुनाव हैं।
गुर्जर बिरादरी में बड़ा कद
हरियाणा के रहने वाले 8 वीं पास अवतार सिंह भड़ाना 64 साल के हैं। उनका राजनीतिक सफर लंबा है। कांग्रेस के टिकट वह फरीदाबाद से 3 बार और मेरठ से एक बार सांसद रहे चुके हैं। 2017 में भाजपा से मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट पर उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा और बहुत कम वोटों से वह चुनाव जीत सके। योगी सरकार में वह अपनी अनदेखी मानते रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने हरियाणा की फरीदाबाद सीट से कांग्रेस के सिंबल पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और हार गए।
योगी सरकार में रही गुर्जरों की अनदेखी
योगी सरकार में गुर्जर अपनी अनदेखी मानते रहे। वेस्ट यूपी में 15 सीटों पर गुर्जरों का वोट बैंक मजबूत है। 2017 से ही वह प्रदेश सरकार में मंत्री बनने की दौड़ में थे। लेकिन वेस्ट यूपी से किसी भी गुर्जर नेता को मंत्रीमंडल में शामिल नहीं किया। सम्राट मिहिर भोज के नाम पर गौतमबुद्धनगर में हुए विवाद के बाद गुर्जर बिरादरी भी भाजपा से छिटकने लगी है।
गौतमबुद्धनगर के जेवर में आना जाना बढ़ा
विधानसभा चुनाव की तैयारी होते ही पूर्व सांसद व भाजपा विधायक अवतार सिंह भड़ाना का गौतमबुद्धनगर में आना जाना बढ़ता गया। कई बार वह जेवर विधानसभा के गांवों में भी पहुंचे। जहां जाट व गुर्जर बिरादरी के लोगों के कार्यक्रम में भी शामिल हुए।
उन्होंने पहले ही साफ जाहिर कर दिया था की वह जेवर से चुनाव लड़ना चाहते हैं। पूर्व में इस सीट पर बसपा का दबदबा रहा। 2017 के चुनाव में भाजपा के धीरेंद्र सिंह ने पूर्व मंत्री वेदराम भाटी को हराया। गठबंधन के बाद अब बताया जा रहा है की नोएडा सपा व जेवर रालोद के खाते में जा रही है।
अपने ही मुख्यमंत्री के खिलाफ उतर आए
22 सितंबर 2021 को गौतमबुद्धनगर के दादरी में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण होना था। इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। सीएम के आने से पहले मिहिर भोज के नाम के आगे से गुर्जर हटा दिया। जिसके बाद गुर्जर भड़क गए। योगी सरकार के खिलाफ गुर्जर बगावत पर उतर आए। अगले दिन चिटहेरा गांव में 25 हजार से अधिक गुर्जरों की पंचायत हुई। जिसमें अवतार सिंह भड़ाना भी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। भाजपा विधायक भड़ाना अपने ही मुख्यमंत्री के खिलाफ उतर आए।
बिना विधायक पहली बार बने थे मंत्री
अवतार भड़ाना वेस्ट यूपी और हरियाणा में राजनीति में बड़ा नाम है। उनके राजनीतिक सफर की शुरूआत भी ऐसी रही। 1988 में वह बिना विधायक के हरियाणा में देवीलाल की सरकार में शहरी स्थानीय निकाय राज्यमंत्री रहे। उसके बाद से तीन दशक तक उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। शुरूआती दौर में ही वह विपक्षियों पर हावी हाते थे। 1999 के लोकसभा चुनाव में 15 दिन में ही मेरठ की लोकसभा सीट निकाल ले गए थे।
मुख्य बातें
1988 में बिना विधायक हरियाणा के सीएम चौधरी देवीलाल ने अवतार भड़ाना को 6 माह के लिए शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री बनाया।
1989 में दौसा से जनता दल की टिकट पर कांग्रेस नेता राजेश पायलट के सामने चुनाव हारे।
1991 में फरीदाबाद से कांग्रेस के टिकट पर पहली बार सांसद बने।
1996 में फरीदाबाद से
BREAKING भाजपा विधायक अवतार भड़ाना RLD में शामिल:4 बार सांसद रहे भड़ाना जेवर सीट से लड़ेंगे चुनाव, योगी कैबिनेट में गुर्जरों को तवज्जो न मिलने से थे नाराज
मेरठ6 मिनट पहले
4 बार सांसद रहे भड़ाना जेवर सीट से लड़ेंगे चुनाव, योगी कैबिनेट में गुर्जरों को तवज्जो न मिलने से थे नाराज|मेरठ,Meerut – Dainik Bhaskar
4 बार सांसद रहे और भाजपा से मीरापुर के मौजूदा विधायक अवतार सिंह भड़ाना बुधवार को आरएलडी में शामिल हो गए। दिल्ली में रालोद मुखिया जंयत चौधरी के साथ मिलकर भाजपा नेता ने रालोद ज्वाइन की। इस विधानसभा चुनाव में अब वह गुर्जर बाहुल्य इलाके गौतमबुद्धनगर की जेवर सीट से चुनाव लड़ेंगे। स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोड़ने के दूसरे दिन भाजपा को गुर्जर बिरादरी में बड़ा झटका लगा है। 10 फरवरी को वेस्ट यूपी में चुनाव हैं।
गुर्जर बिरादरी में बड़ा कद
हरियाणा के रहने वाले 8 वीं पास अवतार सिंह भड़ाना 64 साल के हैं। उनका राजनीतिक सफर लंबा है। कांग्रेस के टिकट वह फरीदाबाद से 3 बार और मेरठ से एक बार सांसद रहे चुके हैं। 2017 में भाजपा से मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट पर उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा और बहुत कम वोटों से वह चुनाव जीत सके। योगी सरकार में वह अपनी अनदेखी मानते रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने हरियाणा की फरीदाबाद सीट से कांग्रेस के सिंबल पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और हार गए।
योगी सरकार में रही गुर्जरों की अनदेखी
योगी सरकार में गुर्जर अपनी अनदेखी मानते रहे। वेस्ट यूपी में 15 सीटों पर गुर्जरों का वोट बैंक मजबूत है। 2017 से ही वह प्रदेश सरकार में मंत्री बनने की दौड़ में थे। लेकिन वेस्ट यूपी से किसी भी गुर्जर नेता को मंत्रीमंडल में शामिल नहीं किया। सम्राट मिहिर भोज के नाम पर गौतमबुद्धनगर में हुए विवाद के बाद गुर्जर बिरादरी भी भाजपा से छिटकने लगी है।
गौतमबुद्धनगर के जेवर में आना जाना बढ़ा
विधानसभा चुनाव की तैयारी होते ही पूर्व सांसद व भाजपा विधायक अवतार सिंह भड़ाना का गौतमबुद्धनगर में आना जाना बढ़ता गया। कई बार वह जेवर विधानसभा के गांवों में भी पहुंचे। जहां जाट व गुर्जर बिरादरी के लोगों के कार्यक्रम में भी शामिल हुए।
उन्होंने पहले ही साफ जाहिर कर दिया था की वह जेवर से चुनाव लड़ना चाहते हैं। पूर्व में इस सीट पर बसपा का दबदबा रहा। 2017 के चुनाव में भाजपा के धीरेंद्र सिंह ने पूर्व मंत्री वेदराम भाटी को हराया। गठबंधन के बाद अब बताया जा रहा है की नोएडा सपा व जेवर रालोद के खाते में जा रही है।
अपने ही मुख्यमंत्री के खिलाफ उतर आए
22 सितंबर 2021 को गौतमबुद्धनगर के दादरी में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण होना था। इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। सीएम के आने से पहले मिहिर भोज के नाम के आगे से गुर्जर हटा दिया। जिसके बाद गुर्जर भड़क गए। योगी सरकार के खिलाफ गुर्जर बगावत पर उतर आए। अगले दिन चिटहेरा गांव में 25 हजार से अधिक गुर्जरों की पंचायत हुई। जिसमें अवतार सिंह भड़ाना भी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। भाजपा विधायक भड़ाना अपने ही मुख्यमंत्री के खिलाफ उतर आए।
बिना विधायक पहली बार बने थे मंत्री
अवतार भड़ाना वेस्ट यूपी और हरियाणा में राजनीति में बड़ा नाम है। उनके राजनीतिक सफर की शुरूआत भी ऐसी रही। 1988 में वह बिना विधायक के हरियाणा में देवीलाल की सरकार में शहरी स्थानीय निकाय राज्यमंत्री रहे। उसके बाद से तीन दशक तक उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। शुरूआती दौर में ही वह विपक्षियों पर हावी हाते थे। 1999 के लोकसभा चुनाव में 15 दिन में ही मेरठ की लोकसभा सीट निकाल ले गए थे।
मुख्य बातें
1988 में बिना विधायक हरियाणा के सीएम चौधरी देवीलाल ने अवतार भड़ाना को 6 माह के लिए शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री बनाया।
1989 में दौसा से जनता दल की टिकट पर कांग्रेस नेता राजेश पायलट के सामने चुनाव हारे।
1991 में फरीदाबाद से कांग्रेस के टिकट पर पहली बार सांसद बने।
1996 में फरीदाबाद से भाजपा के रामचंद्र बैंदा से चुनाव हारे।
1998 में फरीदाबाद से कांग्रेस से टिकट न मिलने पर समाजवादी जनता पार्टी की टिकट पर भाजपा के रामचंद्र बैंदा से चुनाव हारे।
1999 में मेरठ से कांग्रेस के टिकट पर दूसरी बार सांसद बने।
2004 में फरीदाबाद से कांग्रेस के टिकट पर तीसरी बार सांसद बने।
2009 में फरीदाबाद से कांग्रेस के टिकट पर चौथी बार सांसद बने।
2014 में मोदी लहर में फरीदाबाद में कांग्रेस के टिकट पर भाजपा के कृष्णपाल गुर्जर से हार गए।
2015 में कांग्रेस छोड़कर हरियाणा की इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी में शामिल हुए।
2016 में अवतार भड़ाना बेजीपी में शामिल हुए और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य बने।
2017 में अवतार भड़ाना यूपी के मीरापुर से भाजपा के टिकट पर विधायक बने