गिरफ्तार, गुडगांव से यूपी के बिजनौर ले जाकर 20 हजार में करते थे लिंग जांच

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गुडग़ांव : पैसे के लिए जिले में एक बार फिर से कोख में झांकने व लिंग बताने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। गिरोह गुडग़ांव से यूपी में ले जाकर महिलाओं के गर्भ में पल रहे लिंग की जांच करता था। इसके एवज में गिरोह ग्राहक से बतौर 20 हजार रूपए की रकम भी लेता था। योजना के मुताबिक तैयार किए गए विभाग के नेटवर्क से मामले का पर्दाफाश हुआ। जिसमें शामिल सभी 3 आरोपियों को पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

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सीएमओं डा. विरेन्द्र यादव ने बताया कि उनको सूचना मिली थी कि गुरुग्राम का ही निवासी चंद्रपाल नामक युवक यूपी के बिजनौर में ले जाकर महिलाओं के गर्भ में पल रहे भ्रूण की लिंग जांच कराता है। इस पर संज्ञान लेते हुए सीएमओ ने तत्काल एक टीम गठित की। जिसमें पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ. प्रदीप, डा. दीपांशु, डा. हरीश कुमार व स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. सुनीता यादव को शामिल किया। इसके बाद मोनिका नाम की एक नकली ग्राहक को जांच में सहयोग के लिए तैयार किया गया। स्वास्थ्य विभाग के कहने पर नकली ग्राहक बनी महिला के पति सुदर्शन ने चंद्रपाल से संपर्क किया। चंद्रपाल ने सुदर्शन को मोनिका के साथ अमरोहा के गांव गजरौला में आने के लिए कहा। सुदर्शन अपनी पत्नी के साथ गजरौला पहुंचा और इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम कुछ दूर पहले ही रुक गई थी। बता दें कि विभाग की ओर से अब तक दर्जनों ऐसे गिरोह का पर्दाफास किया जा चुका है। जिसमें राज्यीय व कई अंतराज्यीय गिरोह शामिल थे।

बैग में मिली अल्ट्रासाउंड मशीन
कुछ देर इंतजार करने के बाद चंद्रपाल सुदर्शन कुमार के पास आया और उसे अपने साथ लेकर बिजनौर जिले के चांदपुर स्थित एक क्लीनिक पर पहुंचा। वहां से उसने एक बैग में अल्ट्रासाउंड मशीन ली।
इसके बाद मोनिका को मोटरसाइकिल पर बैठाकर गांव सब्दलपुर मिलक ले गया, जहां उसकी मुलाकात हसीन नामक युवक से हुई। वह अल्ट्रासाउंड मशीन व मोनिका को लेकर रेखा सैनी क्लीनिक पर गया। जहां डॉक्टर हसीन सैफी ने मोनिका का अल्ट्रासाउंड किया और उसके गर्भ में लड़का बताया।

इसके बाद चंद्रपाल मोनिका को लेकर वापस चांदपुर स्थित क्लीनिक छोडऩे के लिए जा रहा था कि मोनिका के इशारे पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसको दबोच लिया। जानकारी के मुताबिक बीते 2 साल से भ्रूण जांच के काम में लिप्त है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने अल्ट्रासाउंड मशीन सील कर क्लीनिक संचालक रेखा सैनी, अल्ट्रासाउंड करने वाले डा. हसीन सैफी व चंद्रपाल को स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया। इस पूरी कार्रवाई में बिजनौर जिले के पीएनडीटी नोडल अधिकारी डा. शैलेश भी शालिम रहे।

Source News: punjabkesari