कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ आक्रोशित बिजली कर्मियों ने सबडिवीजनों पर की गेट मीटिंग

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फरीदाबाद : हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड वर्करज यूनियन की केंद्रीय कमेटी के आव्हान पर प्रदेश के समस्त बिजली कर्मियों ने सबडिवीजनों पर गेट मीटिंग करते हुए अपना रोष व्यक्त कर आगामी आंदोलन की शुरुआत की । आज प्रदेश के कर्मचारियों में निगम मैनेजमेंट व सरकार की रोजाना नये-नये नियमों और कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ भारी आक्रोश है । कर्मचारियों ने दिन-रात एक करके इस महकमे को घाटे से मुनाफे की ओर उबारने का काम किया है । साथ ही कोरोना काल मे हरेक कर्मचारी ने अपनी जान को जोखिम में डाल कर निर्बाध बिजली आपूर्ति कराई बल्कि सम्पूर्ण प्रदेश में लगे लॉकडाउन को सफल बनाने काम किया और जब पूरा विश्व इस वैश्विक महामारी की चपेट में आर्थिक संकट से जूझ रहा था ।

ऐसे समय मे भी बिजली कंपनियों की राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में बिजली निगम को देश मे दूसरे स्थान पर लाकर प्रदेश का नाम रोशन का काम किया लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है । कि जब देश मे लॉक डाउन लगा था तब हमारी सरकार कर्मचारियों के लिये तोहफे में ऑनलाइन ट्रान्सफर पॉलिसी को लाकर कर्मचारियों को कोसों दूर करने का काम किया इतना ही नही सीमित साधन व संसाधनों के साथ साथ मैन पावर की कमी से जूझते इस महकमे में राइट टू सर्विस एक्ट को लागू कर कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का काम किया इतना ही नही प्रदेश में हजारों कच्चे कर्मचारी जो एक लम्बे समय से पक्का होने बाट जोह रहे थे और सरकार ने सत्ता में आने से पूर्व एक कलम से उन कच्चे कर्मियों को पक्का करने के वायदे करे थे उन्हें पक्का करना तो दूर की बात सरकार ने कौशल रोजगार निगम बनाकर कई वर्षों से लगे कच्चे कर्मचारियों के वर्तमान वेतन को भी कम करने व इससे स्थाई भर्ती पर पूर्ण विराम लगाने काम सरकार कर रही है । श्रमिकों के 26 कानूनों को तोड़ मरोड़ कर पूंजीपतियों को चार कानूनों में तब्दील करने का काम किया व ना तो कोरोना काल मे जान गँवाने वाले बिजली कर्मियों के आश्रितों को 50 लाख रुपये मुआवजा मिला और ना ही वर्तमान में कार्यरत कर्मचारी को कोरोना वारियर्स का दर्जा प्राप्त हुआ बल्कि सरकार ने इस कोरोना महामारी की आड़ में कर्मचारियों का 18 महीने के डी.ए तक को रोके बैठी है । बिजली बिल संशोधन के नाम पर विभागों का निजीकरण करने पर आमादा है ।

हमारी मुख्य माँगों में एनपीएस प्रणाली को बंद कर पुरानी पेन्शन बहाली कराना, कच्चे कर्मचारियों को जब तक पक्का नही किया जाता तब तक माननीय सर्वोच्चय न्यायालय के आदेशानुसार समान काम समान वेतनमान देना, कर्मचारियों के लिये पूर्णतः कैशलेस मेडिकल चिकित्सा सुविधा बिना सशर्त लागू करना, एक्सग्रेसिया पॉलिसी लागू करना, फ्री यूनिट्स लागू करना, जोखिम भत्ता देना, क्लेरिकल कर्मियों को वर्दी देना, समुचित टी एन्ड पी सहित संसाधन देना आदि माँगे हैं जिनपर निगम और सरकार चुप्पी साध रहे हैं । इन सभी माँगों के साथ-साथ 31 जनवरी को प्रदेश की सभी डिवीजन कार्यालयों पर प्रदर्शन होंगे व 08 फरवरी को प्रदेश के सभी सर्कल कार्यालयों पर, 14 फरवरी को हिसार मुख्ययालय पर, 17 फरवरी को पंचकूला मुख्ययालय पर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किये जायेंगे । जिसके बाद 22 फरवरी को एक दिवसीय राज्यव्यापी व 23 और 24 फरवरी दो दिवसीय राष्ट्रीव्यापी हड़ताल यानी तीन दिन हड़ताल पर रहेगा प्रदेश का तमाम बिजली कर्मचारी हड़ताल करेगा ।

जिसके बाद प्रदेश कमेटी परिस्तिथियों के अनुसार फैसला लेते हुए अनिश्चित कालीन हड़ताल करने की घोषणा से भी पीछे नही हटेगी । इसी कड़ी में फरीदाबाद की 18 सब डिवीजनों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार व निगम मैनेजमेंट के खिलाफ कर्मचारियों ने जोरदार नारे लगाये ।सुनील खटाना प्रदेश महासचिव, सर्कल सचिव सन्तराम लाम्बा, केंद्रीय कमेटी के सतीश छाबड़ी सहित चारों यूनिटों के प्रधान जिनमे ओल्ड फरीदाबाद से लेखराज चौधरी, एनआईटी फरीदाबाद के प्रधान विनोद शर्मा, बल्लभगढ़ के प्रधान कर्मवीर व ग्रेटर फरीदाबाद के प्रधान सुनील कुमार आदि कर्मचारी नेताओं ने भी अपने अपने संबोधन में सरकार व मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप लगाये ।