लता मंगेशकर का संगीत में अतुलनीय योगदान-अनिल आर्य

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दिल्ली, मामेंद्र कुमार (चीफ एडिटर डिस्कवरी न्यूज 24) : केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में “आयुर्वेद अनुसार आहार” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल मे 349 वां वेबिनार था। साथ ही सुर सामाग्री लता मंगेशकर जी के निधन पर शोक व्यक्त किया गया । मुख्य वक्ता डॉ. रीना अरोड़ा (निदेशक,आयुर्वेदिक क्लिनिक) ने आयुर्वेद के अनुसार आहार विहार पर व्याख्यान दिया।उन्होंने कहा कि बासी भोजन कई बीमारियों को जन्म देता है,साथ ही ताजा भोजन बनाने और खाने पर जोर दिया।शरद ऋतु में हल्का व सुपाच्य भोजन करना चाहिए। रात्रि में दही का सेवन भी हानिकारक है।डॉ. रीना अरोड़ा ने कहा कि यदि भूख न हो तो बिल्कुल भोजन नहीं करना चाहिए।जितना श्रम करें उतना पानी पीना चाहिये।तिल का तेल व गाय का घी अत्यंत लाभकारी है।उन्होंने आयुर्वेद के अनुसार खान-पान के नियमों पर चलने का आह्वान किया व मौसम, प्रकृति,पेशे और कई अन्य चीजों के अनुसार भोजन करना चाहिए।

उनकी बातों को खूब सराहा गया। आयुर्वेद के अनुसार आहार का पालन करने सेआहार व स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है,आवश्यकता है कठोरता से नियमों का पालन करने की। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने संचालन करते हुए आयुर्वेद को जीवन का हिस्सा बनाने पर जोर दिया व सुर समाग्री लता मंगेशकर जी के निधन पर शोक व्यक्त किया गया, उनका संगीत में योगदान सदा याद रहेगा । राष्ट्रीय मन्त्री प्रवीण आर्य ने कहा कि भारतीय चिकित्सा पद्धति सर्वश्रेष्ठ है। मुख्य अतिथि वैधराज धर्मवीर आर्य ने कहा कि आयुर्वेद व्यक्ति की प्रकृति वात पित के अनुसार उपचार करता है। गायिका कमलेश चांदना,रीता जयहिंद,प्रतिभा कटारिया,कुसुम भंडारी,रेणु घई,सुमित्रा गुप्ता, ईश्वर देवी आदि के मधुर भजन हुए। प्रमुख रूप से ओम सपरा,आंनद प्रकाश आर्य,धर्मपाल आर्य, आस्था आर्या,राजेश मेहंदीरत्ता, रजनी गर्ग,रजनी चुघ आदि उपस्थित थे।