अध्यात्म का मार्ग योग की साधना से सम्भव है-योगाचार्या रजनी चुघ
दिल्ली, मामेंद्र कुमार : केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में कोरोना काल में 350 वां वेबिनार “अध्यात्म और योग” विषय पर सम्पन्न हुआ।मुख्य वक्ता योगाचार्या रजनी चुघ ने कहा कि अध्यात्म का मार्ग योग साधना से होकर जाता है।अध्यात्म और योग एक दूसरे के पूरक हैं।योग साधना द्वारा व्यक्ति शरीर,मन चरित्र का विकास कर साहस,ज्ञान,स्थिरता व सादगी प्राप्त करता है।योग का अर्थ जीव का आत्मा से जुड़ना व अध्यात्म का अर्थ है स्वयं का अध्ययन करना।महर्षि पतंजलि ने भी अध्यात्मिकता की ओर जाने के आठ मार्ग-यम नियम,आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार,ध्यान,धारणा व समाधि।सुखद व स्वस्थ जीवन का आधार अध्यात्म है।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि योग एक साधना है जिससे परमात्मा मिलन के लिए व्यक्ति अग्रसर होता है।मुख्य अतिथि आर्य नेत्री रजनी गर्ग व अध्यक्ष रजनी गोयल ने योग को जीवन में आत्मसात करने पर बल दिया।राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि ध्यान साधना परमात्मा की प्राप्ति की सीढ़ी है,इस पर आरूढ़ होकर परमात्मा का साक्षात्कार संभव है।गायिका पिंकी आर्या,दीप्ति सपरा,रेणु घई, सुदेश आर्या,वीना आर्या,चंद्रकांता आर्या,प्रतिभा कटारिया,रीता जयहिंद,रचना वर्मा आदि ने लता मंगेशकर जी के गीत गाकर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।