रो-रोकर ग्रामीणों से वोट मांग रहीं गायत्री प्रजापति की पत्नी और बेटियां, अमेठी में शुरू हुई इमोशनल राजनीति
अमेठी: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का दो चरण समाप्त हो चुका है और तीसरा चरण 20 फरवरी को होना है। इससे पहले चुनावी तैयारियों के बीच अमेठी जिले में इमोशनल राजनीति देखने को मिला है। दरअसल, यह जिला VIP प्रत्याशियों से भरा हुआ है। वहीं, पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी और सपा प्रत्याशी महाराजी देवी अपनी दोनों बेटियों के साथ ग्रामीणों से रो-रोकर वोट मांग रही हैं।
बता दें कि साल 2012 की सपा सरकार में कद्दावर मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी महराजी प्रजापति को सपा ने अमेठी विधानसभा से टिकट देकर मैदान में उतारा है। सपा प्रत्याशी बनने के बाद महाराजी देवी अपनी दोनों बेटियों के साथ लगातार क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रही हैं और अपनी दोनों बेटियों के साथ आंसू बहाकर अपने पति को न्याय दिलाने के नाम पर वोट मंग रही हैं। वहीं, महाराजी देवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मैं चुनाव जीतने के लिए लड़ रही हूं। अमेठी की जनता मेरे पति को न्याय दिलाएगी।’ यह सब बोलते-बोलते महराजी प्रजापति फफक-फफक कर रोने लगीं। अपनी नेता को इस कदर रोता देखकर भीड़ में मौजूद महिलाएं भी उनसे लिपटकर रोने लगीं। वहां मौजूद उनकी दोनों बेटियों ने उन्हें संभाला और उनके आंसू पोंछने लगीं। ग्रामीणों के बीच जाकर महाराजी का परिवार लोगों से न्याय की अपील कर रहा है। महाराजी अपने आंसू के सहारे चुनाव में जीत हासिल करना चाह रही हैं। चुनाव प्रचार में लोगों से मिलकर महराजी का परिवार लोगों से न्याय की अपील कर रहा है। उन्हें लगता है कि आंसू उन्हें न्याय दिला सकते हैं।
समाजवादी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ चल रहे सामूहिक दुराचार मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है। उनके साथ आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं कोर्ट ने 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। अभियोजन पक्ष के मुताबिक शुक्रवार को एमपी-एमएलएअदालत के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने सामूहिक दुष्कर्म मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके दो साथियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई तथा प्रत्येक दोषी पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस दौरान अदालत में गायत्री और दो अन्य दोषी मौजूद थे जिन्हें सजा काटने के लिए जेल भेज दिया गया।
गौरतलब है कि 18 फरवरी, 2017 को उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य के खिलाफ थाना गौतम पल्ली में सामूहिक दुराचार, जानमाल की धमकी व पॉक्सो कानून के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। पीड़ित महिला ने दावा किया था कि बलात्कार की घटना पहली बार अक्टूबर 2014 में हुई थी और जुलाई 2016 तक जारी रही तथा जब आरोपी ने उसकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ करने की कोशिश की, तो उसने शिकायत दर्ज करने का फैसला किया। 18 फरवरी, 2017 को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद प्रजापति को मार्च में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में ही थे।
Source News: punjabkesari