पीएमकेवीवाई के तहत आईटीआई में शुरू होंगे 2 से छह महीने के कोर्स : मूलचंद शर्मा, मंत्री
चण्डीगढ : हरियाणा कौशल विकास विभाग के मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया कि प्रदेश की औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में करवाए जाने वाले कोर्सों की संख्या बहुत जल्द ही बढ़ाई जाएगी ।उन्होंने बताया कि प्रदेशभर की आईटीआई में अभी तक 76 प्रकार के इंजीनियरिंग व नॉन इंजीनियरिंग कोर्स करवाए जा रहे हैं। इनमें 6 महीने, एक वर्ष व दो वर्ष में पूरे होने वाले कोर्स शामिल हैं, लेकिन बहुत जल्द ही प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत आईटीआई में शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू होने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2 से 6 महीने में पूरे होने वाले ये कोर्स पहले पीएमकेवीवाई के तहत प्राइवेट सेंटरों में होते थे।
कौशल विकास विभाग के मंत्री ने कहा कि सरकार ने पीएमकेवीवाई को प्राइवेट सेंटरों की बजाय आईटीआई को सौंपने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार के अधिकारियों व देशभर से आईटीआई के जिला नोडल अधिकारियों के बीच हुई वीडियो कांफ्रेंस में यह निर्णय लिया गया है।
आईटीआई के अधीन कोर्स आने का मुख्य कारण
कौशल विकास मंत्री ने कहा कि पीएमकेवीवाई को आईटीआई के अधीन देने का सबसे बड़ा कारण यह रहा कि प्राइवेट सेंटरों में विद्यार्थियों को ट्रेनिंग देने के लिए आधुनिक उपकरण उपलब्ध नहीं थे। जिस कारण विद्यार्थियों को अच्छा प्रशिक्षण नहीं मिल पाता था। सरकार अब प्रदेश की राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसडीसी) से जोड़ने जा रही है। इसके तहत ही पीएमकेवीवाई के कोर्स आईटीआई में शुरू होंगे। प्रदेशभर में 414 आईटीआई हैं। कम अवधि के कोर्स न होने की वजह से काफी युवा कौशल विकास से वंचित रह जाते थे।
युवाओं को आईटीआई में प्रशिक्षण मिलने की कमी अब होगी पूरी
कौशल विकास मंत्री ने कहा कि जिन आईटीआई में विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा है, वहां दो शिफ्टों में पढ़ाई करवाई जाएगी। आईटीआई के अन्य कोर्स सुबह की शिफ्ट में होंगे जबकि पीएमकेवीवाई के शॉर्ट टर्म कोर्स शाम की शिफ्ट में होंगे। आईटीआई स्टाफ ही पीएमकेवीवाई के तहत युवाओं को प्रशिक्षित करेगा। आईटीआई में आधुनिक उपकरण व मशीनों से सुसज्जित वर्कशॉप में विद्यार्थियों को अच्छी ट्रेनिंग दी जा सकेगी।
युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढेंगे
परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कौशल विकास को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के लिए 2015 में पीएमकेवीवाई की शुरुआत की गई थी। पहले वर्ष ही इस योजना के तहत 19.85 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया । इसके बाद चार वर्षों में देशभर में करीब एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया गया। अब पीएमकेवीवाई का बजट 12 हजार करोड़ रुपए किया गया है। आईटीआई में प्रशिक्षण देने के लिए आधुनिक वर्कशॉप, बेहतर उपकरण व प्रशिक्षित स्टाफ है। इससे कौशल विकास को और बढ़ावा मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
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ड्रग तस्करों के खिलाफ हरियाणा पुलिस का एक और बड़ा एक्शन
चंडीगढ़- हरियाणा पुलिस ने ड्रग के अवैध कारोबार में संलिप्त दो नशा तस्करों सहित उनके परिजनों की 5.08 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को फ्रीज करने के आदेश प्राप्त करने में सफलता हासिल की है। नशे के सौदागरों द्वारा मादक पदार्थ तस्करी के माध्यम से यह संपत्ति अर्जित की गई थी।हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी साझा करते हुए बताया कि कम्पीटेंट अथाॅरिटी, नई दिल्ली द्वारा एनडीपीएस अधिनियम के तहत जिला करनाल निवासी आरोपी साहब सिंह और सुरिंदर की चल-अचल संपत्ति को फ्रीज करने संबंधी आदेश पारित किया गया।पुलिस ने कम्पीटेंट अथाॅरिटी से दोनों तस्कारों की 7.72 करोड़ रुपये की संपत्ति को फ्रीज करने का अनुरोध किया था। अथॉरिटी द्वारा दोनों आरोपियों की कुल संपत्ति में से 5,08,55,113 रुपये की चल और अचल संपत्तियों को जब्त करने के आदेश की पुष्टि की गई है। आदेश में आरोपी सुरेंद्र की 2,12,24,113 रुपये की चल और अचल संपत्ति और अन्य आरोपी साहब सिंह की 2,96,31,000 रुपये की संपत्ति शामिल है। देशों के अनुसार, अब दोनों आरोपी तस्कर अपनी संपत्ति किसी को नहीं बेच पाएंगे और न ही किसी को हस्तांतरित या उपहार में दे सकते हैं। दोनों आरोपियों के खिलाफ अन्य राज्यों में भी एनडीपीएस एक्ट के तहत कई मामले दर्ज हैं।
पहले मामले में चैगामा गांव निवासी साहब सिंह को 2009 में गिरफतार किया गया था। इस मामले में आरोपी को 360 किलोग्राम चूरा पोस्त सहित गिरफ्तार किया गया था और न्यायालय द्वारा इस मामले में आरोपी को 10 साल कैद की सजा व एक लाख रुपये का जुर्माना का दण्ड दिया गया था। बाद में 2016 में 3.5 किलो अफीम के साथ गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में कोर्ट से 15 साल की सजा और 1.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। तीसरे मामले में उसके बेटे गुरजंत सिंह को जनवरी 2022 में 3 किलो अफीम और एक वाहन के साथ गिरफ्तार किया गया था।
दूसरे आरोपी सुरेन्द्र सिंह को 2006 में 4051 किलोग्राम चूरा पोस्त की तस्करी करता हुये काबू किया गया था। इस मामले में न्यायालय द्वारा आरोपी को 12 साल कैद की सजा व 1.5 लाख रुपये जुर्माना का दण्ड दिया गया था। वर्ष 2021 में आरोपी को 130 किलोग्राम चूरा पोस्त व एक गाडी सहित काबू किया गया था।
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भ्रष्टाचार मामले में कानूनगो को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने सुनाई सजा
चंडीगढ़ – अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, पंचकूला की अदालत ने एक सरकारी कर्मचारी को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराते हुए उसे 4 साल कारावास की सजा सुनाई है।हरियाणा राज्य सतर्कता ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि अदालत ने दोषी कर्मचारी पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
दोषी कर्मचारी की पहचान देवेंद्र कुमार कानूनगो के रूप में हुई है, जिसे विजिलेंस टीम ने वर्ष 2016 में रेड के दौरान शिकायतकर्ता से सरकारी कार्य करने के एवज में 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।अदालत ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7 के तहत दोषी को 3 साल कैद सहित 5000 रुपये जुर्माना और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 के तहत 5000 रुपये जुर्माना लगाते हुए 4 साल कैद की सजा सुनाई है।
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देश का पहला ग्रीन एनर्जी उत्पादन प्लांट रेवाड़ी के गांव खुर्शीद नगर में
चंडीगढ़ – हरियाणा के रेवाड़ी जिला के गांव खुर्शीदनगर में पराली से बिजली का उत्पादन करने वाला देश का पहला ग्रीन एनर्जी प्लांट स्थापित किया गया है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में स्थापित किया गया यह प्लांट प्रदूषण मुक्ति के साथ ही बिजली के उत्पादन का सफलतम कदम है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी के माध्यम से निजी क्षेत्र की के-2 पॉवर रिन्यूएबल प्राइवेट लिमिटेड ने रेवाड़ी के गांव खुर्शीदनगर में देश का पहला ग्रीन एनर्जी प्लांट स्थापित करते हुए रेवाड़ी जिला को अनुकरणीय बनाया है। खुर्शीदनगर में पराली से तैयार हो रही बिजली को प्लांट से बिसोहा 33 केवी सब स्टेशन में उपलब्ध कराया जा रहा है और सब स्टेशन से बिसोहा गांव में बिजली की नियमित आपूर्ति शुरू हो गई है।
उन्होंने बताया कि इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के आगाज पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पराली प्रबंधन की दिशा में उठाए गए कदम को सराहनीय बताया है। पराली से बिजली उत्पादन की दिशा में उठाए गए इस कदम से अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी सहित बिजली वितरण निगम की पर्यावरण के प्रति सकारात्मक सोच सामने आई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा पराली प्रबंधन को लेकर दिए गए सुझावों को अमल में लाने में रेवाड़ी जिला उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है। ग्रीन एनर्जी प्लांट में बिना प्रदूषण के 24 घंटे में 600 क्विंटल पराली से 48 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन शुरू किया गया है। बिजली के उत्पादन के साथ ही क्षेत्र के इस प्लांट में लगभग 150 लोगों को सीधे रोजगार भी मिल रहा है।
बिसोहा गांव को 2 मेगावाट बिजली प्रति घंटे आपूर्ति
उन्होंने बताया कि पंचकूला रिन्यूवल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी से मान्यता प्राप्त यह पहला पूरी तरह से प्रदूषण रहित प्लांट है। इसमें 400 किलोवाट क्षमता के पांच इंजन हैं, जिनसे बिना प्रदूषण के पराली से बिजली की उत्पादन प्रक्रिया को शुरू किया गया है। दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम के 33 केवी सब स्टेशन बिसोहा को दो मेगावाट बिजली प्रति घंटे प्रदान की जा रही है और उक्त उत्पादित बिजली वितरण प्रक्रिया का भुगतान सरकार के नियमानुसार किया जा रहा है।
बायोमैस गैस विधि पर आधारित है प्लांट
प्रवक्ता ने बताया कि पराली से चलने वाला यह प्लांट बॉयलर की बजाय बायोमैस गैस विधि से काम कर रहा है, जिसमें प्रदूषण की कोई संभावना नहीं है। पराली से चलने वाले पांचों इंजनों से तैयार होने वाली गैस से ही बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्लांट में पराली को जलाने की अपेक्षा उसे भाप से गलाकर बिजली पैदा की जा रही है, जिसमें किसी भी तरह का कोई वायु प्रदूषण नहीं हो रहा।
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भिवानी में 25 से 27 फरवरी तक सेक्टर-13 स्थित हुडा मैदान में होगी राज्य स्तरीय पशु प्रदर्शनी
चण्डीगढ – हरियाणा के पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा भिवानी के सेक्टर-13 स्थित हुडा मैदान में 25 से 27 फरवरी तक राज्य स्तरीय पशु प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा । प्रदर्शनी में उत्तम नस्ल के गाय, भैंस, भेड़, बकरी, ऊंट, घोड़े, सूअर की प्रतियोगिता करवाई जाएगी। कुल 53 श्रेणी में विजेता पशुओं को ईनाम दिये जाएंगे।इस संबंध में जानकारी देते हुए पशुपालन एवं डेयरी विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदर्शनी में पशुपालकों को भेजने के लिए सरकार द्वारा बसों का प्रबंध किया गया है। इसी कड़ी में पशुपालक पशु प्रदर्शनी में निशुल्क यात्रा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिलों में उत्तम नस्ल के पशुओं को इस पशु प्रदर्शनी में ले जाने व वापिस लाने का खर्च निर्धारित रेट अनुसार पशुपालन विभाग द्वारा वहन किया जाएगा। पशुपालकों व पशुओं के खाने पीने की व्यवस्था भी विभाग द्वारा की जाएगी । इसके अतिरिक्त पशु प्रदर्शनी में पशुपालकों के ज्ञानवर्धन के लिए विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान का प्रबंध किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय पशु प्रदर्शनी का उद्घाटन हरियाणा के पशुपालन मंत्री श्री जय प्रकाश दलाल करेंगे जबकि समापन समारोह में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे।
प्रवक्ता ने पशुपालकों से अपील करते हुए कहा कि राज्य स्तरीय पशु प्रदर्शनी में अधिक से अधिक पशुपालक भाग लें। जिन पशुपालकों के पास उत्तम नस्ल के पशु हैं, वे अपने नजदीकी पशु हस्पताल में संपर्क करके अपने पशुओं का पंजीकरण करवाएं। इसके अलावा जिन पशुपालकों को पशु प्रदर्शनी देखने के लिए जाना है वे भी अपने नजदीकी पशु हस्पताल में अपना नाम लिखवा दें ताकि बस की सीट बुक की जा सके।
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मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत 71 हजार रुपये तक की आर्थिक मदद दे रही हरियाणा सरकार
चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने महिलाओं को सशक्त और शिक्षित बनाने के लिए कई महत्वकांक्षी योजनाएं शुरू की हैं, जिनका लाभ महिलाएं बखूबी उठा रही हैं। मुख्यमंत्री की सोच है कि महिलाओं को समाज में समान अवसर मिलें और वे आत्मविश्वास व सम्मान के साथ आगे बढ़ें। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए हरियाणा सरकार द्वारा बेटी की शादी में सहयोग के लिए माता-पिता को आर्थिक मदद दी जाती है। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत सरकार गरीब परिवारों की लड़कियों, विधवाओं/निराश्रित महिलाओं की बेटियों की शादी के लिए अनुदान प्रदान करती है। योजना के तहत 71 हजार रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाती है।
योजना के तहत, सरकार विधवाओं/निराश्रित महिलाओं और अनाथ बालिकाओं (गरीबी रेखा से नीचे और जिनकी पारिवारिक आय एक लाख रुपये से कम है) को 51 हजार का शगुन देती है। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले अनुसूचित जाति,डीटी और टपरीवास समुदाय के परिवार को 71 हजार रुपये का शगुन मिलता है। स्पोट्र्स वुमेन (किसी भी जाति/कोई भी आय) व अनुसूचित जाति के अलावा अन्य जाति के गरीब परिवार और सभी वर्ग के परिवार (एससी/बीसी सहित), जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय 1,80,000 रुपए से कम है, को 31 हजार रुपये का अनुदान मिलता है। वहीं सामूहिक विवाह और दिव्यांगजन के विवाह पर 51 हजार रुपये का शगुन मिलता है। अगर पति पत्नी में से कोई एक दिव्यांग है, तो 31 हजार रुपए, अगर दोनों दिव्यांग हंै, तो 51 हजार रुपये की मदद की जाती है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। आवेदन करने के लिए https://saralharyana.gov.in/ पर जाएं और जरूरी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए अनुदान के लिए आवेदन करें। इस योजना के लिए शादी से पहले या शादी के बाद भी आवेदन किया जा सकता है। हालांकि शादी के तीन माह बाद मिलने वाले आवेदन को स्वीकार नहीं किया जाएगा।