हरियाणा विधानसभा में जबरन मतांतरण विरोधी बिल पर भारी हंगामा, प्रति फाड़ने पर कादियान निलंबित, कांग्रेस का वाकआउट

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हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन सदन में राज्‍य के गृहमंंत्री अनिल विज ने जबरन मतांतरण विरोधी विधेयक 2022 पेश किया। इस पर सदन में भारी हंंगामा हो गया। सदन में में कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया और विपक्ष व सत्‍तापक्ष भाजपा के विधायक आमने-सामने आ गए। कांग्रेस के रघुबीर कादियान ने विधेयक की प्रति फाड़ दी। इस पर विधानसभा अध्‍यक्ष ने उनको सदन से निलंबित कर दिया। विधानसभा में अभी भी हंगामा हो रहा है। बाद में कादियान के सदन से जाने के बाद कांग्रेस ने वाकआउट किया।

कांग्रेस के रघुबीर कादियान ने कहा कि हमें नहीं लगता कि हरियाणा बनने के बाद ऐसी शिकायतें आती हों। भारत के विभाजन के दौरान गांधी जी की प्रार्थना बदलकर हरमत प्यारे राम रहीम हुई तो देश में सौहार्दपूर्ण माहौल बना। अब देश में एक बार फिर विभाजन की तरफ देश बढ़ रहा है। मुद्दों से अलग हटकर देश में बंटवारे के मुद्दे खड़े हो रहे हैं। राम-रहीम के बीच दीवार खड़ी की जा रही है। राजनीतिक फायदों के लिए इस दिशा में जा रहे हैं। इस विधेयक की अवधारणा ठीक नहीं है। सरकार इस विधेयक को पेश करते हुए यह भी बताए कि कौन सी ऐसी बात आ गई कि इसकी जरूरत पड़ी। अन्यथा इसे विधानसभा की सिलेक्ट कमेटी को चर्चा के लिए भेजा जाए।

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हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन सदन में सीएम मनोहरलाल और डिप्‍टी सीएम दुष्‍यंत चौटाला।

राज्‍य के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि देश का बंटवारा धर्म के आधार पर कांग्रेस पार्टी ने करवाया। 1984 में धर्म के आधार पर सिखों का कत्लेआम कांग्रेस पार्टी ने करवाया। कांग्रेस हमेशा छद्म धर्मनिरपेक्षता का चोला ओढ़े रहती है। काम कांग्रेस का सांप्रदायिक रहता है। यह विधेयक किसी धर्म के लिए नहीं है। यह तो केवल जबरन, प्रलोभन देकर या झांसा देकर धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ है। विज ने कांग्रेस के विधायकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे अपने जहन से सांप्रदायिकता को निकाल दें।

कांग्रेस की विधायक गीता भुक्कल ने भी कहा कि इस विधेयक को पेश करने की जरूरत नहीं है। सदन में विधेयक को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हाे गए हैंं। भाजपा के डाा. अभय सिंह यादव ने कहा कि हम तो सर्वधर्म की बात कर रहे हैं। कांग्रेस इसे धर्म के नाम पर बांट रहे हैं। कांग्रेस के लोग जबरदस्ती इसे धर्म से जोड़ रहे हैं।

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हरियाणा विधानसभा से वाकआउट करने के बाद सदन के बाहर कांग्रेस के विधायक। (जागरण)

इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि मिथ्या रूप से और धमकी, अनुचित प्रभाव, प्रलोभन या डिजिटल उपयोग से कपटपूर्वक या विवाह द्वारा प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से एक धर्म से अन्य धर्म में परिवर्तन कराएंगे तो फिर कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस विधाायकोंं की ओर इशारा करते हुए यहां तक कह दिया कि इन बैंचों पर बैठने वाले विधायक चाहे सभी इच्छा से धर्म परिवर्तन कर लें, सरकार को कोई ऐतराज नहीं है।

इसी दौरान रघुबीर सिंह कादियान ने विधेयक की कापी फाड़ी तो विधानसभा अध्यक्ष ने उनको सत्र के बकाया समय के लिए निलंबित कर दिया। कांग्रेस विधायक सदन में अध्यक्ष के आसन के समक्ष हंगामा कर रहे हैं व‍िधानसभा अध्‍यक्ष ने कांग्रेस सदस्‍यों से कहा क‍ि सदन की मर्यादा का अपमान हुआ है। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कांग्रेस विधायक रघुबीर कादियान से कहा कि आप खुद विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं, आपको ऐसा व्यवहार सदन में नहीं करना चाहिए।

इस दौरान सीएम ने कांग्रेस विधायकों की आपत्ति के बाद धर्म परिवर्तन संबंधी अपने शब्द वापस लिये। इस बीच कांग्रेस के रघुबीर कादयान और जगबीर मलिक अध्यक्ष के आसन के समक्ष बहस करते दिखे। डाक्टर कमल गुप्ता, मूलचंद शर्मा सहित भाजपा विधायकों ने कांग्रेस विधायकों ने कादियान के आचरण पर आपत्ति दर्ज करते हुए खेद व्यक्त करने की अपील की।

कादियान ने तर्क दिया कि इस विधेयक में जबरन शब्द इस्तेमाल किया गया है। आइपीसी में इसके लिए कोई प्रविधान नहीं है, इसलिए उन्होंने इसे फाड़ा। वैसे भी यह विधेयक सदन में पेश नहीं हुआ। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यदि पेश ही नहीं हुआ तो आपने बोलना कैसे शुरू किया। जब बिल पेश हो गया तभी आप बोले। विधेयक पेश होने के बाद कानूनी प्रपत्र बन चुका है। या तो कादियान सदन से क्षमा मांगे या फिर वे निलंबन की कार्रवाई करेंगे। कादयान का आचरण गैर जिम्मेदाराना है, अमर्यादित है। कादियान ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि आप दो आंखों से नहीं बल्कि एक आंख से देख रहे हैं। कादियान ने अंतत: सदन में कहा कि सदन जो निर्णय लेगा, वे उसके साथ हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यदि आप अपने कृत्य पर प्रायश्चित करते हो तो फिर वे अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर सकते हैं।

इस पर कादियान ने कहा कि वह इसे छपा हुआ कागज मानते हैं जबकि विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पेश हो चुका विधेयक ही नहीं बल्कि कोई भी कागज फाड़ना सदन की अवमानना है। इसके बाद कादियान ने कहा कि उन्होंने तो तीन कृषि कानूनों को भी सदन में फाड़ दिया था। इस दौरान गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि ऐसे हाउस नहीं चल सकता। विधानसभा अध्यक्ष अपना अंतिम निर्णय सुनाएं। कादियान ने कहा कि आपस में तकरार-तकरीर हुई है। जो कोई नियम यह नहीं कहता कि सदन में पेश हुए कागज को फाड़ा नहीं जा सकता। लेकिन यदि आप इसे गलत मानते हैं तो मैं आपकी भावनाओं का आदर करता हूं।

कांग्रेस विधायक भारत भूषण बतरा ने इस पर चर्चा कराने की मांग की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने फैसला ले लिया है। इस पर चर्चा नहीं हो सकती। इसे प्रिवलेज कमेटी को भेजा जा सकता है। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बतरा की बात को काटते हुए कहा कि प्रिवलेज कमेटी को भेजेंगे। कादियान ने कहा कि मुझे एक माह के लिए निलंबित करवा दें मगर एक माह के बाद फिर आपकी छाती पर मूंग दलूंगा। इसी बीीच विधानसभा अध्यक्ष ने कादियान को सदन से बाहर जाने का आदेश दिया। गृहमंत्री अनिल विज ने अध्यक्ष के इस आदेश को उचित बताया। इसके बाद कांग्रेस के अन्य विधायक कादियान के समर्थन में खड़े हो गए। इसी बीच अध्यक्ष ने कादियान को निकालने के लिए मार्शल बुलाए।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि नियम 80 के तहत कादयान के खिलाफ कार्रवाई हो। संसदीय कार्य मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने सदन में प्रस्ताव किया कि कादियान के दुर्व्यवहार, अमर्यादित आचरण के मद्​देनजर वर्तमान सदन की शेष बैठकों के लिए सदन की सेवा से निलंबित किया जाए। इसके बाद कादियान सदन की शेष बैठकों से निलंबित कर दिए गए। इसके बाद कांग्रेस विधायक तानाशाही नहीं चलेगी नारेबाजी करने लगे तो भाजपा के असीम गोयल ने कहा कि पप्पूगिरी नहीं चलेगी। कादियान बाद में सदन से चले गए तो कांग्रेस के सभी विधायकाें ने वाकआउट किया।

source news: jagran