योगी जी की जीत हिन्दुत्व की जीत है -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
दिल्ली, मामेंद्र कुमार (चीफ एडिटर डिस्कवरी न्यूज 24) : केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “पेट सफा रोग दफा” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया । यह कॅरोना काल में 370 वा वेबिनार था । आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुषमा आर्या ने कहा कि आयुर्वेद का उद्देश्य बीमारी पर आक्रमण करना नहीं है बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर दीर्घायु प्रदान करना है ।पुरानी बीमारियों को समाप्त करने के लिए कब्ज का न होना बहुत आवश्यक है पंच कर्म शरीर के शोधन के लिए उत्तम कार्य करते हैं वमन ,विरेचन, बस्ती , नस्य और स्नेहन आदि पंचकर्म से शरीर का शोधन हो जाता है अभ्यंगम भी एक प्रमुख प्रमुख कार्य है त्वचा की सफाई के लिए ।
पैरों की मालिश तनाव और अनिद्रा को दूर करती हैं और शरीर उत्तम स्वास्थ्य को प्राप्त करता है हित भुक्, मित भुक् ऋतभुक् के नियम को आहार में शामिल करके उत्तम स्वास्थ्य को पाया जा सकता है हठ प्रदीपिका के षट्कर्म है जिनसे शरीर का शोधन होता है और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है और पेट के रोग भी दूर होते हैं जिनमें दंत धौती जीव्हा मूल आदि द्वारा शरीर को शुद्ध किया जा सकता है। न्योली , कपाल भाति क्रिया भी कब्ज को दूर करने के लिए अत्यंत आवश्यक है व्यायाम, योग आसन, प्राणायाम,सूक्ष्म प्राणायाम ,सूर्य नमस्कार करने से भी कब्ज को दूर किया जा सकता है कहा भी गया है जो सुबह प्रातः करोगे प्राणायाम और खुले आसमान के नीचे सैर आसमां से बरसेगा अस्वस्थता का बैर प्रयोग में लाओ इलायची दूध हींग और ताजी सब्जी कभी नहीं होगा बुखार ना रहेगी कब्जी कब्जी के लिए खाने के 1 घंटे बाद तक ना ले पानी जरूर दूर हो जाएगी खानदानी कब्जी प्रातः सैर कर खा ताजी हवा हो जाएगा पेट सफा और रोग दफा ।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि आयुर्वेद स्वस्थ रहने व रखने की विधि है,साथ ही उन्होंने बी जे पी की चार राज्यों में जीत पर बधाई दी व योगी जी की जीत को हिन्दुत्व की जीत बताया । राष्ट्रीय मंत्री प्रवीन आर्य ने कहा कि प्रतिदिन सुबह योग करने से सारा दिन अच्छा लगता है । मुख्य अतिथि सुषमा गुगलानी व अध्यक्ष सुषमा बुद्धिराजा ने भी प्रातः गर्म पानी का सेवन व योग प्राणायाम करने पर बल दिया । गायिका प्रवीना ठक्कर, पिंकी आर्या,विजय वधावन,ईश्वर देवी,उर्मिला आर्या,कुसुम भंडारी, रजनी गर्ग,राजेश मेहंदीरत्ता, कृष्णा पाहुजा, रजनी चुघ आदि के मधुर भजन हुए ।