उत्तर प्रदेश में ‘प्रोजेक्ट कामधेनु’ के माध्यम से निराश्रित गोवंश को आश्रय देगा ‘गौ रक्षक सेवा ट्रस्ट’

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मामेंद्र कुमार (चीफ एडिटर डिस्कवरी न्यूज 24): मुंबई,हमारे संवाददाता काली दास पांडे ने बताया कि  महाराष्ट्र की गऊ रक्षक सेवा ट्रस्ट अब उत्तर प्रदेश में निराश्रित गौवंश को आश्रय देने के लिए अपनी प्रस्तावित ‘प्रोजेक्ट कामधेनु’ के लक्ष्य को पूरा करने हेतु निजी क्षेत्र और सामाजिक समूहों से सहायता लेगी। साथ ही साथ पूरे प्रदेश में संस्था के 200 गौसेवकों के द्वारा इस योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी। ‘गऊ रक्षक सेवा ट्रस्ट’ नाम के संस्थापक अध्यक्ष संजय शर्मा ‘अमान’ ने ट्रस्ट के अन्य पदाधिकारियों के साथ शनिवार को राजधानी लखनऊ में एक प्रेसवार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनकी संस्था महाराष्ट्र प्रदेश में पूर्व से ही इस विषय को लेकर बड़ा काम कर रही है।

यद्यपि संस्था को ‘प्रोजेक्ट कामधेनु’ के लिए ढेर सारे धन की आवश्यकता होगी, परन्तु संस्था इसके लिए सरकार से किसी प्रकार की मदद नहीं लेगी। संस्था इसके लिए औद्योगिक और व्यावसायिक क्षेत्र से फंड जुटाने का काम करेगी। बड़े उद्योग समूहों द्वारा ‘कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी’ स्कीम के तहत समाज के विभिन्न क्षेत्रों में मदद की जाती है। संस्था इसी सीएसआर फंड को अपनी ताकत बनाएगी। इसके अतिरिक्त संस्था समाज के अन्य मददगार समूहों से भी संपर्क करेगी।

प्रेसवार्ता में ‘गउ रक्षक सेवा ट्रस्ट’ के अध्यक्ष संजय शर्मा अमान ने आगे कहा कि हम सरकार से मदद लेने नहीं सरकार की मदद करने आये हैं। संजय अमान ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं धर्म की रक्षा हेतु गौवंश संरक्षण की दिशा में बड़ा कार्य कर रहे हैं। हम उन्ही की मंशा के अनुरूप प्रदेश में काम करने आये हैं। हमे पूरा विश्वास है कि निराश्रित गौवंश को  आश्रय-प्रश्रय देने के इस कार्य मे हमे महाराज जी का पूरा आशीर्वाद प्राप्त होगा। प्रेसवार्ता के दौरान संस्था से जुड़े पदाधिकारी गणों के अलावा में हेमलता त्रिपाठी, बिजेन्द्र विश्वकर्मा आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।

एक ओर गाय को जहां भारतीय सनातन समाज में माता का दर्जा प्राप्त है। गऊ माता सनातन मतावलंबियों के लिए परम आराध्य हैं। वो धर्म और आस्था से सीधे जुड़ी हैं। वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में जनसामान्य के लिए गौवंश को ही आज निराश्रित पशु के रूप में एक समस्या बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि निराश्रित गौवंश या अन्ना पशु आज किसानों खेतिहरों के लिए बड़ी मुश्किल बन चुके हैं। अभी अभी निपटे यूपी विधानसभा चुनाव में भी विपक्ष ने ‘सड़कों पर सांड’ जैसे स्लोगन  से सत्तासीन भाजपा को घेरने की कोशिश की थी। वैसे में ‘गऊ रक्षक सेवा ट्रस्ट’ के द्वारा संचालित जनसहभागिता योजना ‘प्रोजेक्ट कामधेनु’ के माध्यम से निराश्रित गोवंश को आश्रय देने का बीड़ा उठाया जाना उत्तर प्रदेश की धरती पर एक सार्थक पहल है।