शिक्षा व सेवा का अदभुत समन्यवक थे महात्मा हंसराज जी -अनिल आर्य

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मामेंद्र कुमार (चीफ एडिटर डिस्कवरी न्यूज 24) दिल्ली,मंगलवार 19 अप्रैल 2022 : केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में डी ए वी शिक्षण संस्थान के संस्थापक महात्मा हंसराज जी के 158 वे जन्मदिन पर “आर्य समाज से युवा कैसे जुड़े” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया । उल्लेखनीय है कि आपका जन्म 19 अप्रैल 1864 को होशियार पुर,पंजाब में हुआ था । यह कॅरोना काल में 386 वा वेबिनार था । मुख्य वक्ता शिक्षाविद अतुल सहगल ने कहा कि युवाओं की समस्याओं से रूबरू होकर उनकी समस्याओं का निदान आर्य समाज को करना होगा व रोजगार दिलाने में भी उनका सहयोग योजना बनानी होगी ।

उन्होंने आर्य समाज के छठे नियम को प्रस्तुत करते सामाजिक उद्देश्य को स्पष्ट किया । वैदिक विचारधारा के उन सूत्रों को जो विषय से सम्बंधित थे, पुनः सामने रखा l युवा वर्ग की शक्ति, उसके योगदान और महत्व पर प्रकाश डाला l विश्व समाज का एक पंथ जो युवा वर्ग को आकर्षित करने में सफल है–उसका उदाहरण देते हुए, आर्य समाज की कार्य प्रणाली में संशोधन की आवश्यकता पर बल दिया l हर मनुष्य जीवन में अपनी भौतिक समस्याओं का समाधान चाहता है l प्रत्येक मनुष्य तनाव से मुक्ति, सफलता और समृद्धि चाहता है l इन मौलिक बातों को युवा वर्ग के सन्दर्भ में प्रस्तुत किया l आर्य जनों को अपना कर्म क्षेत्र और प्रभाव क्षेत्र बढ़ाने की आवश्यकता है l इस बात पर बल देते हुए, आर्य समाज संस्था को वैदिक विचारधारा के प्रचार हेतु नये, काल प्रासंगिक तरीकों को अपनाने की बात कही, जिससे युवा वर्ग आकर्षित और प्रेरित हो l वर्तमान विश्व की विकट समस्याओं पर दृष्टि डालते हुए, वैदिक विचारधारा के सूत्रों को समस्या निवारण के मुख्य साधन के रूप में प्रस्तुत किया l यह तथ्य युवा वर्ग तक पहुँचाने की बात कही l भारत की और विश्व की युवा शक्ति को सामाजिक उन्नति के कार्य में लगाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करना पड़ेगा l प्रचार प्रसार के लिए अंग्रेज़ी व भारत की प्रांतीय भाषाओं का प्रयोग भी करना होगा l इस प्रकार के सुझाव रखते हुए, और वर्त्तमान विश्व में नास्तिकतावाद और भौतिकवाद के दुष्परिणामों की चर्चा करते हुए वक्ता ने अपना उद्बोधन पूर्ण किया l

 

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने डी ए वी शिक्षण संस्थानों के संस्थापक महात्मा हंसराज जी के स्मरण करते हुए कहा कि उनका शिक्षा के क्षेत्र में योगदान सराहनीय रहा, आज भारत सरकार के पश्चात डी ए वी सबसे बड़ी शिक्षण संस्था है । डी ए वी ने स्वतंत्रता संग्राम में कई क्रांतिकारी प्रदान किये ।बाढ़ हो या भूकंप हो महात्मा हंसराज के नेतृत्व में अदभुत सेवा कार्य किया गया ।घर वापिसी शुद्धिकरण अभियान को भी महात्मा हंसराज ने तीर्व गति दी और हजारों मुस्लिम बन चुके हिन्दुवों को शुद्ध कर घर वापिस लाये । ऐसे मानवता के उपासक के जीवन दर्शन व गुणों को धारण करने की आवश्यकता है ।

 

मुख्य अतिथि इन्दु मेहता व अध्यक्ष सुधा शर्मा ने भी अपनी संतानों को आर्य समाज से जोड़ने का आह्वान किया ।
राष्ट्रीय मंत्री प्रवीन आर्य ने भी सेवा व मानवता को जीवन में अपनाने पर बल दिया । गायक रविन्द्र गुप्ता,प्रवीना ठक्कर, कुसुम भंड़ारी,विजय खुल्लर,कमला हंस,जनक अरोड़ा,इन्दु आर्या,विजय चोपड़ा, सुषमा गोगलानी, उमा मिगलानी आदि के मधुर भजन हुए ।