फरीदाबाद: वार्ड 18 की जनता प्यासी

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मामेंद्र कुमार (चीफ एडिटर डिस्कवरी न्यूज 24) : आजकल पड़ रही इस भीषण गर्मी के मौसम में किसी क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति बिल्कुल ठप हो जाना और घरों में एक बूंद भी पानी ना आना किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं है। जी हां यही स्थिति है फरीदाबाद नगर निगम के पुराने वार्ड नंबर-18 के अंतर्गत आने वाले ग्राम अनखीर में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के आसपास के लगभग 60 घरों की । ये लोग पिछले लगभग एक दशक से गर्मी के मौसम में इस समस्या से इसी प्रकार जूझते आ रहे हैं, बरसात होने पर लगभग अगस्त के महीने में एक दूर के ट्यूबवेल से तो कुछ काम चलाऊ सप्लाई इन घरों में आ जाती है, लेकिन नया साल शुरू होते ही जनवरी के महीने में ही पानी आना बंद हो जाता है जो कि इस बार भी ऐसा ही हुआ है। ऐसा नहीं है कि इस संबंध में फरीदाबाद के सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री, बड़खल हलके की संबंधित विधायक ,वार्ड के संबंधित पार्षद ,नगर निगम आयुक्त, संबंधित एसडीओ तथा जेई को अवगत ना कराया गया हो।

हर वर्ष कई-कई बार इन सभी से गुहार लगाई जाती है कि उनके संबंधित ट्यूबवेल नंबर-3 जोकि अनखीर गांव के सरकारी स्कूल की चाहरदीवारी के अंदर ही लगा हुआ है उसको ठीक कर दिया जाए या उसके स्थान पर नया बोर कर दिया जाए ताकि लगभग 8 महीनों तक यहां पर झेली जाने वाली पानी की समस्या से निजात पाई जा सके । इस बार भी संबंधित जेई अरुण सागर से इस संबंध में गुहार लगाई गई है तो उसने ट्यूबवेल पास होने की बात तो कही है लेकिन साथ में ही बहानेबाजी का पिटारा भी खोल दिया है जिसकी वजह से इस ट्यूबवेल का लग पाना बीरबल की खिचड़ी जैसा हो रहा है । हालात यह है कि इस क्षेत्र के लगभग 4 दर्जन घरों में एक बूंद भी पानी नहीं आता है और मजबूरीवश सभी घरों में एक-दो दिन छोड़कर लगभग एक हजार रूपए की कीमत का प्राइवेट टैंकर मंगवाना पड़ता है।

 

यहां पर यह कहावत सटीक बैठ रही है कि “जहां बेदर्द हाकिम हो वहां फरियाद क्या करना” सरकार वैसे तो बड़ी-बड़ी कल्याणकारी योजनाएं लागू करने के दावे करती है लेकिन यहां आ करके देखा जाए तो पानी जैसी सुविधा का नदारद होना ही इन दावों को खोखला साबित करता है । शासन-प्रशासन, फरीदाबाद नगर निगम, संबंधित जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को चाहिए कि इस समस्या की ओर तत्काल गंभीरतापूर्वक ध्यान दें । इस क्षेत्र को फरीदाबाद स्मार्ट सिटी की रेनीवेल जैसी महत्वपूर्ण जलापूर्ति योजना से भी जोड़ा जा सकता है ताकि पीड़ित लोगों को जलापूर्ति कि इस गंभीर समस्या से निजात मिल सके।