ग्रीनफील्ड आरडब्ल्यूए ने यू०आई० सी० और पार्षद पर लगाया सात करोड़ के घोटाले का आरोप

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फरीदाबाद: ग्रीन फील्ड कालोनी आरडब्ल्यूएस ने केंद्र सरकार की अर्बन इंप्रूवमेंट कंपनी (यूआइसी) व पार्षद पर विभिन्न सड़कों के निर्माण में करीब सात करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है। ग्रीनफील्ड आरडब्ल्यूएस ने इस संबंध में बृहस्पतिवार को एसडीएम बड़खल को ज्ञापन सौंपकर सड़कों के निर्माण कार्य में हुई गड़बड़ी की जांच कराने की मांग की। आरडब्ल्यूएस प्रधान विरेंद्र भड़ाना ने बताया कि ग्रीन फील्ड कालोनी का रखरखाव करने व मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी यूआइसी की है।

इसके लिए यूआइसी यहां के निवासियों से आंतरिक और बाह्य शुल्क वसूल करती है। यहां सड़कों के निर्माण और मरम्मत का कार्य कराने की जिम्मेदारी भी यूआइसी की है। इससे पहले पूर्व चेयरमैन द्वारा यूआइसी अपने स्तर पर 4 सड़को का निर्माण किया था। परंतु उसके बाद कंपनी के वर्तमान चेयरमैन और पार्षद भागीदारी नाम से एक स्कीम लेकर आए। इसके तहत सड़क निर्माण लागत का 70 फीसद यूआइसी, 20 फीसद निवासियों से लेकर और 10 फीसद स्थानीय पार्षद से लेकर सड़कें बनाई जा रही है। जिस गली के निवासी अपना हिस्सा नहीं देते, उनकी सड़क भी नहीं बनाई जाती। जब एम पी लैड का पैसा सरकार ने लगाना चाहा तो पार्षद ने अपने नाम से RTI लगा कर उसको रुकवाने का काम किया जिससे इनकी भागीदारी स्कीम बंद ना हो सके | पिछले दिनों रोड नंबर 121 के कुछ परेशान निवासियों ने अपने स्तर पर रुपये एकत्र कर सड़क बनाने का निर्णय लिया।

 

जब सड़क बनकर तैयार हो गई तो उन्होंने पाया कि सड़क बनाने में उससे आधी लागत आई है, जो यूआइसी बता रही है। आरडब्ल्यूए प्रधान वीरेंद्र भड़ाना ने आरोप लगाया है कि सड़कों के निर्माण में यूआइसी व पार्षद द्वारा बड़े स्तर पर घोटाला किए जाने की अाशंका है। उन्होंने बताया कि यह पूरा घोटाला सात से आठ करोड़ रुपये का हो सकता है। उन्होंने एसडीएम को बताया कि यूआइसी व पार्षद करीब 135 सड़कों के निर्माण का दावा कर रही है। यह सभी सड़कें बिना किसी टेंडर के बनवाई गई हैं। उन्होंने इसकी जांच कराने की मांग की है।