मेरा पानी मेरी विरासत योजना लागू : डीसी जितेन्द्र यादव

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फरीदाबाद : उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने कहा कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सरकार द्वारा इस वर्ष 2022 में भी फसल विविधीकरण योजना मेरा पानी मेरी विरासत को लागू कर दिया गया है। मेरा पानी मेरी विरासत योजना गत वर्ष की भांति जिला फरीदाबाद में भी लागू कर दी गई है।
उन्होंने इस योजना को क्रियान्वित करने की जानकारी देते हुए बताया जाता है कि फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने तथा तकनीकी जानकारी किसानों को गांव स्तर पर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा वैकल्पिक फसलें बिजाई करने के लिए पूर्ण जानकारी दी जाएगी।

डीसी जितेन्द्र यादव ने कहा कि कृषि विभाग व कृषि विज्ञान केन्द्रो द्वारा किसानों को वैकल्पिक फसलों की आधुनिक तकनीक से बिजाई करने व अच्छी पैदावार लेने के लिए प्रदर्शन प्लॉट भी आयोजित किए जाएंगे। इस योजना का लाभ लेने हेतु इच्छुक किसानों को “मेरा पानी मेरी विरासत” पोर्टल पर आगामी 30 जून 2022 तक पंजीकरण करना होगा।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत किसानों को धान के स्थान पर वैकल्पिक फसलों कपास, मक्का, दलहन मूंग, अरहर और मूंगफली, तिल, ग्वार, अरहड, सब्जियां व फल की बिजाई करनी होगी। जिसके फलस्वरूप किसानों को सरकार द्वारा प्रति एकड़ 7000/-रु० की प्रोत्साहन धनराशि दो किस्तों में दी जाएगी। इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसान को अपनी फसल का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल fasal.haryana.gov.in पर पंजीकरण करके मेरा पानी मेरी विरासत स्कीम से जुड़ना होगा।

 

उन्होंने आगे बताया कि किसानों को 7000 /- रुपये की धनराशि एकड़ लाभार्थियों को पहली किश्त कृषि विकास अधिकारी/उद्यान विकास अधिकारी/ पटवारी/ नम्बरदार की कमेटी द्वारा भौगोलिक वेरिफ़िकेशन/ Physical Verification उपरान्त मिलेगी। इस योजना के तहत जिन किसानों ने पिछले वर्ष अपने धान के क्षेत्र को वैकल्पिक फसलों द्वारा विविधीकरण किया था और चालू खरीफ सीजन में भी यदि वो उस क्षेत्र में वैकल्पिक फसलों की बिजाई करते है। तो उन्हें भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस योजना धरातल वेरिफ़िकेशन अंतर्गत जो किसान पिछले वर्ष धान बिजित क्षेत्र में चारे की फसल लेते है व अपने खेत को खाली रखते है तो उन्हें भी प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत सभी वैकल्पिक फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा खरीदा जाएगा। इस फसल विविधीकरण योजना के अंतर्गत सभी वैकल्पिक फसलों का बीमा भी कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा करवाया जाएगा। जिसके प्रीमियम की अदायगी प्रोत्साहन राशि से की जाएगी।