जो भगवान देते हैं, वो गुरु से भी प्राप्त हो सकता हैं – स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य

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फरीदाबाद : श्री सिद्धदाता आश्रम में श्री गुरु पूर्णिमा का पर्व बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया गया। दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन अधिपति जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि गुरु की महिमा इतनी है कि जो भगवान दे सकते हैं वो गुरु कृपा से भी प्राप्त हो सकता है।

श्री गुरु महाराज ने कहा कि मानव का जीवन मुक्ति के लिए मिला है। इसलिए इसका सदुपयोग करो। इसका दुरुपयोग करने के बाद तो फिर बार बार जन्मों के बंधनों में बंधे रहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मानव का जीवन भगवान की कृपा से मिला है। मानव के पास विवेक है जो अन्य जीवों के पास नहीं है। इसके बाद भी यदि इस जीवन का सदुपयोग नहीं किया तो अनेकानेक जन्मों में भटकते रहना पड़ेगा। स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी ने बताया कि व्यक्ति के जीवन में अनेक प्रकार के संस्कारों का असर देखने को मिलता है लेकिन जब गुरु से दीक्षा का संस्कार प्राप्त होता है तो जीवन बदल जाता है। हमें गुरु को स्वीकार करने के बाद गुरु की आज्ञाओं और शिक्षाओं को भी स्वीकार करना होगा। उन्होंने कहा कि गुरु की कृपाओं को प्राप्त करने के लिए भगवान भी उनके शिष्य बनते हैं।

 

स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि जीव इस जगत में मानव के चोले में आता जाता है लेकिन जो अपने रोगों को मिटाने के लिए आते हैं, वह शिष्यत्व ग्रहण करते हैं और जो इन रोगों को मिटाने आते हैं, वह सद्गुरु कहलाते हैं। श्री गुरु महाराज ने अनेक दृष्टांतों एवं भजनों के माध्यम से गुरु महिमा का बखान किया और गुरु की शिक्षाओं को जीवन में धारण करने के लिए कहा। इससे पहले उन्होंने श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में भगवान का पूजन किया और वैकुंठवासी गुरु महाराज की समाधि पर भी लोककल्याण के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर जयपुर राजस्थान से आए गायक लोकेश शर्मा ने अपने साथियों के साथ मधुर भजन सुनाए। सभी भक्तजनों को श्री गुरु महाराज ने आशीर्वाद एवं प्रसाद प्रदान किया।