पढ़ें लाल किले की प्राचीर से PM मोदी के संबोधन की बड़ी बातें, ‘अगले 25 साल नारी शक्ति के’

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श के 76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लाल किले की प्राचीर से 9वीं बार देश को संबोधित किया। बता दें कि देश आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने नारी शक्ति से लेकर आने वाले 25 सालों में भारत के विकास पर बात की।

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पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन की बड़ी बातें

 

 

76वां स्वतंत्रता दिवस एक ऐतिहासिक दिन
आजादी का 76वां स्वतंत्रता दिवस एक ऐतिहासिक दिन है और यह एक पुण्य पड़ाव, एक नई राह, एक नए संकल्प और नए सामर्थ्य के साथ कदम बढ़ाने का शुभ अवसर है।

 

अगले 25 साल नारी शक्ति के

अगले 25 साल में नारी शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। देश ‘अमृतकाल’ में प्रवेश कर रहा है। अगले 25 वर्ष देश के लिए महत्वपूर्ण होंगे। इन 25 वर्षों में नारी शक्ति की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। अगले 25 वर्ष नारी शक्ति के लिए ‘स्वर्णकाल’ है । उन्होंने कहा कि नारी शक्ति को ज्यादा से ज्यादा अवसर देने पर सपने जल्दी पूरे होंगे। नारी शक्ति देश के सिरमौर है।

 

जलवायु परिवर्तन की समस्याओं का समाधान भारत के पास

दुनिया जलवायु परिवर्तन की जिन समस्याओं से जूझ रही है उनका समाधान भारत के पास है। आज विश्व पर्यावरण की समस्या से जूझ रहा है। जलवायु परिवर्तन की समस्याओं के समाधान का रास्ता हमारे पास है।

 

 नेहरू, पटेल और सावरकर को नमन

‘‘आजादी की जंग में गुलामी का पूरा कालखंड संघर्ष में बीता। हिंदुस्तान का कोई कोना और कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैकड़ों साल तक जंग न लड़ी हो, यातानाएं न झेली हों। आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष को नमन करने का अवसर है।” हम सभी देशवासी पूज्य बापू जी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और वीर सावरकर को नमन करते हैं… यह देश मंगल पांडे, भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, अशफाक उल्ला खान, राम प्रसाद बिस्मिल का कृतज्ञ है।’ आजादी की लड़ाई लड़ने वाले और आजादी के बाद देश बनाने वाले राजेंद्र प्रसाद जी, नेहरू जी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीन दलाय उपाध्याय, जयप्रकाश नारायण और राम मनोहर लोहिया का स्मरण करते हैं।” बिरसा मुंडा और कई आदिवासी नायकों के साथ-साथ रानी लक्ष्मी बाई और बेगम हजरत महल समेत कई महिला स्वतंत्रता सेनानियों को भी नमन किया।

 

आजादी के ‘अमृत काल’ में ‘पंच प्रण’ का संकल्प

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले 25 साल की यात्रा को देश के लिए ‘‘अत्यंत महत्वपूर्ण” करार दिया और इस ‘‘अमृत काल” में विकसित भारत, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता व नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्य पालन के ‘‘पंच प्राण” का आह्वान किया।
1. विकसित भारत
2. गुलामी के हर अंश से मुक्ति
3. विरासत पर गर्व
4. एकता और एकजुटता
5. नागरिकों का कर्तव्य

 

कोरोना वैक्सीन लेने वाले भारतीयों को नमन

राष्ट्र के प्रति प्रेम को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ी है। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई साझी जागरुकता का एक और उदाहरण है जिसके लिए नागरिक साथ आए हैं। कोरोना के कालखंड में दुनिया वैक्सीन लेने या न लेने की उलझन में जी रही थी। उस समय हमारे देश के लोगों ने 200 करोड़ खुराक लेकर दुनिया को चौंका देने वाला काम करके दिखाया।

 

नई शिक्षा नीति

देश की नई शिक्षा नीति धरती से जुड़ी हुई है, जिसमें कौशल्य पर बल दिया गया है और यह हमें गुलामी से मुक्ति की ताकत देगी।

 

संकल्प से हर घर को मिला ‘नल से जल’

हर लक्ष्य को हासिल करने में संकल्प महत्वपूर्ण होता है और इसी संकल्प का परिणाम है कि आज देश के हर घर में ‘नल से स्वच्छ जल’ पहुंचाने का काम तेजी से चल रहा है। पूरा विश्वास है कि 2024 के निर्धारित लक्ष्य तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा।

 

भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ निर्णायक जंग जरूरी

देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं। पहली चुनौती है भ्रष्टाचार और दूसरी चुनौती है भाई-भतीजावाद… परिवारवाद।” भारत जैसे लोकतंत्र में जहां लोग गरीबी से जूझ रहे हैं, तब यह दृश्य देखने को मिलते हैं कि एक तरफ वह लोग हैं जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है…दूसरी तरफ वह लोग हैं, जिनके पास अपना चोरी किया हुआ माल रखने के लिए जगह नहीं है… यह स्थिति अच्छी नहीं है। इसलिए हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ना है।

 

लैंगिक समानता एकता का अहम मानदंड

लैंगिक समानता अखंड भारत की कुंजी है। भारत के पास एकता की अवधारणा पर दुनिया को सिखाने के लिए काफी कुछ है और एकता की यह अवधारणा परिवार की संरचना से शुरू होती है।

 

खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता आई

खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता लाने और भाई-भतीजावाद खत्म होने का असर दिखाई दे रहा है और इसी का नतीजा है कि दुनिया भर में खेल के मैदानों में तिरंगा लहरा रहा है और राष्ट्रगान गाया जा रहा है।

 

‘जय अनुसंधान’ नया नारा

देश को आत्मनिर्भर बनाने और विभिन्न क्षेत्रों में आयात पर निर्भरता कम करने के लिए अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘जय अनुसंधान’ का नया नारा दिया

 

देश में जल्द शुरू होंगी 5जी सेवाएं

देश में नई पीढ़ी की 5जी सेवाएं जल्द शुरू होंगी। नए भारत की चुनौतियों के लिए ‘देश में विनिर्मित’ (मेड-इन-इंडिया) प्रौद्योगिकी समाधान पर भी जोर दिया। यह प्रौद्योगिकी-दशक (टेकड) भारत का है और डिजिटल प्रौद्योगिकी हर क्षेत्र में सुधार लाने जा रही है।

 

 

NEWS SOURCE : punjabkesari