स्थानीय निकायों जैसा प्रदर्शन दोहराने की रणनीति, हरियाणा में भाजपा पंचायत चुनावों की तैयारी में जुटी
Haryana Panchayat Election: स्थानीय निकायों के चुनाव में मिली शानदार सफलता से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी अब पंचायत चुनाव की तैयारी में जुट गई है। पार्टी की रणनीति स्थानीय निकाय चुनाव की तरह का प्रदर्शन पंचायत चुनाव में भी दोहराने की रणनीति है। अगले महीने होने वाले चुनाव की रणनीति तैयार करने के लिए पार्टी ने आज उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है।
होगी संगठन पदाधिकारियों की बैठक, चुनाव के लिए गठित कमेटी सौंपेंगी रिपोर्ट
इस बैठक में पंचायत चुनाव के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर तय किया जाएगा कि निकाय चुनाव की तर्ज पर पंचायत चुनाव भी पार्टी चिन्ह पर लड़े जाएं या फिर अच्छी छवि वाले प्रत्याशियों को समर्थन किया जाए प्रदेश सरकार ने राज्य चुनाव आयोग को हर हाल में 30 सितंबर से पहले पंचायत चुनाव कराने के निर्देश दिए हुए हैं।
अगले महीने होने हैं चुनाव, शेड्यूल तैयार करने में जुटा राज्य चुनाव आयोग
चुनावों में पहले ही डेढ़ साल की देरी हो चुकी है। इसलिए मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के बावजूद तमाम आशंकाओं को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल चाहते हैं कि सितंबर के दूसरे पखवाड़े में चुनावी प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। चुनाव आयोग भी चुनाव का शेड्यूल तैयार करने में जुटा है। एक ही चरण में दो दिन के भीतर पंचायत चुनाव कराए जाएंगे।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में पंचायत चुनाव के लिए गठित कमेटी के तमाम पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर इस कमेटी के अध्यक्ष हैं। इसके अलावा प्रदेश स्तरीय चुनाव प्रबंधन समिति में पानीपत ग्रामीण के विधायक महीपाल ढांडा, राज्यसभा सदस्य डीपी वत्स, पूर्व विधायक रवींद्र बलियाला, प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य शमशेर खरकड़ा, कल्याण सिंह तथा राजेश कुमार शामिल हैं। पार्टी ने पंचायत चुनाव के लिए पहले ही सांसदों, विधायकों और नेताओं को जिम्मेदारी सौंपते हुए हर जिले के लिए चुनाव प्रभारी बनाए हुए हैं।
शक्ति केंद्राें में दुरुस्त किए जा रहे कील-कांटे
पंचायत चुनाव से पूर्व भाजपा अपने शक्ति केंद्रों को भी मजबूत बनाने में जुटी है। इसके लिए सभी जिलों में शक्ति केंद्र प्रमुखों की कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि चुनाव के दौरान जनता तक भाजपा की नीतियां पहुंचाने के लिए शक्ति केंद्र अहम कड़ी हैं। इसलिए चुनाव से पहले शक्ति केंद्रों को सक्रिय करना जरूरी है। प्रदेश में भाजपा के करीब छह हजार शक्ति केंद्र हैं।
एक शक्ति केंद्र में चार से पांच बूथ हैं। एक शक्ति केंद्र में एक पालक, दूसरे पर बूथ अध्यक्ष और तीसरे पर बीएलए टू, जिन्हें भाजपा त्रिदेव की उपाधि देती है, मौजूद रहते हैं। ये त्रिदेव पंचायती राज चुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने में किस तरह अपनी भूमिका निभा सकते हैं, इस बारे में उन्हें टिप्स दिए जा रहे हैं।
NEWS SOURCE : jagran