जीव परमात्मा का अंश है : प्रफुल्ल शर्मा

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श्री संकट मोचन हनुमान मंडल कैलीधाम द्वारा आयोजित भागवत में श्री कृष्ण और रुक्मिणी का विवाह बड़ी धूमधाम से मनाया गया । विवाह उत्सव के दौरान प्रस्तुत किए गए भजनों में भक्त जमकर झूमे । कथा व्यास श्री महावीर प्रसाद वशिष्ठ ने कहा की रुक्मिणी भगवान की माया के समान थी रुक्मिणी ने मन में यह निश्चय कर लिया था कि भगवान श्री कृष्ण ही मेरे योग्य पति है । आगे उन्होंने बताया महा रास के पंच गीत भागवत के पांच प्राण है ।

जो भक्त भाव के साथ इनको सुनता है, वह भाव से पर हो जाता है । मंदिर के प्रधान पवन वशिष्ठ ने बताया की कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, उद्धव गोपी संवाद एवं रुक्मिणी विवाह आदि प्रसंगों का संगीतमय वर्णन किया गया । मंदिर के वरिष्ठ सदस्य प्रफुल्ल शर्मा ने बताया जीव परमात्मा का अंश है इसलिए जीव के अंदर अपार शक्ति रहती है, यदि कोई कमी रहती है, वह संकल्प करने मात्र से प्रभु, निश्चित रूप से पूरा कर देतें हैं । भाव विभोर होकर ललित गर्ग ने बताया रुक्मिणी विवाह का प्रसंग श्रद्धा से सुन ने मात्र से घर में सुख-शांति व सुखद दाम्पत्य जीवन जिया जा सकता है।

 

शहर के गणमान्य लोगों ने भी भगवान के दर्शन कर प्रसाद प्राप्त किया । हिमांशी बंसल और सुरुचि शर्मा, कृष्ण और रुक्मिणी की भूमिका में नजर आईं, जिन्हें सब ने खूब सराहा । हिमांशी बंसल और सुरुचि शर्मा, इस भूमिका को निभा करके काफी खुश नजर आ रही थीं । उन्होंने बताया कि हमें इस भूमिका को निभा करके बड़ा गर्व महसूस हो रहा है कि हमें संस्कार और संस्कृति को जीवंत करने का महत्वपूर्ण अवसर प्राप्त हुआ । हम सबको भागवत को अपने जीवन का अंश बनाना चाहिए । इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से मुकेश वर्मा, मनमोहन शर्मा, मदनमोहन बंसल, ब्रज बिहारी त्रिवेदी, घीसाराम खंडेलवाल, भंवर लाल शर्मा, अरविंद शर्मा, पवन जोशी, शंभू नाथ पांडे, अशोक रावत, देव चंद सैनी ने अहम भूमिका निभाई ।

 

कार्यक्रम के अंत में मंदिर के प्रधान पवन वशिष्ठ ने आए हुए सभी भक्तों का आभार व्यक्त किया और बताया कि आगामी रविवार को यज्ञ और भंडारे का आयोजन होगा और शहर के सभी वासियों को आमंत्रित किया गया है ।