कोविड के बीच भारत-अमेरिकी संबंधों में स्वास्थ्य सेवा सेक्टर पर काफी अधिक ध्यान केन्द्रित
मामेंद्र कुमार (चीफ एडिटर डिस्कवरी न्यूज 24) : दुनिया ने पिछले दो वर्षों में कोविड -19 महामारी का सामना किया है और चीन में कोविड के फिर से बढ़ते मामलों के साथ एक और बड़ी लहर की चिंताओं के साथ, स्वास्थ्य सेवा सरकारों के लिए प्रमुख नीतिगत ध्यान का केन्द्र बनने जा रही हैं। इसके साथ ही उद्योग सहभागियों के अनुसार, हेल्थकेयर सेक्टर भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों की आधारशिला रखने जा रहा है।
19वें इंडो-यूएस इकोनॉमिक समिट “75 इयर्स ऑफ यूएस इंडिया रिलेशंस: द न्यू एजेंडा फॉर नेक्स्ट 25 इयर्स”, के दौरान उद्योग में कार्यरत कंपनियों ने सुझाव दिया कि महामारी ने स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की जरूरत को सामने रखा है। इसके साथ ही पूरे स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को लेकर बनाई जा रही नीतियों पर भी नीति निर्माताओं का काफी अधिक ध्यान केन्द्रित है।
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर पैनल डिस्कशन के दौरान सुश्री उपासना अरोड़ा, चेयरपर्सन, इंडो-अमेरिकन चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने कहा कि “दोनों देश सभी के लिए सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवा के लिए एक साथ काम कर सकते हैं। अमेरिका प्रौद्योगिकी और उपकरण, सॉफ्टवेयर विकास के मामले में बहुत अच्छा काम कर रहा है और हमारे पास कुशल और युवा जनशक्ति है। इसलिए हम एक साथ काम कर सकते हैं और बहुत सारी अच्छी चीजें बना सकते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका तपेदिक और अन्य बीमारियों के पूरी तरह से खात्मे के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।
श्री धीरज जैन, संस्थापक, रेडक्लिफ लैब्स ने स्वस्थ जीवन शैली प्राप्त करने के लिए डायग्नोस्टिक टेस्टों को करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि लोगों को अधिक से अधिक टेस्ट करवाने के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि “सरकारी और निजी कंपनियों को जाने और इन लोगों को जागरूक करने का अवसर लेना चाहिए। पांच में से चार परिवारों ने कभी अपना कोई टेस्ट नहीं करवाया है या फिर वे कभी किसी डायग्नोस्टिक टेस्ट के लिए नहीं गए हैं। ऐसे में इस सेक्टर में नई संभावनाओं पर काम करने के काफी बेहतर अवसर है।” उन्होंने कहा कि “यह लैब में जाने का समय है और परिवारों को जागरूक करना बेहद जरूरी है।”
हेल्थकेयर पर अत्याधिक ध्यान दिए जाने को लेकर बात करते हुए गौरव पांडे, सीईओ, केयर कनेक्ट हेल्थकेयर सर्विसेज ने कहा कि “कोविड ने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में हेल्थकेयर पर फोकस को वापस लाने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि चूंकि भारत ने इस वर्ष स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं, और 2047 तक एक विकसित देश बनने का लक्ष्य है, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र विकास के नए वाहक बनने जा रहा है।”
उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय रूप से नॉलेज साझा करने और उसको तेजी से एक-दूसरे को ट्रांसफर करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
पांडे ने कहा कि “स्वास्थ्य संपूर्ण विकास यात्रा का इंजन बनने जा रहा है। हमारे जैसे विकसित देशों के साथ सहयोग, नॉलेज ट्रांसफर और नॉलेज शेयरिंग करना वास्तव में अमृत काल की पूरी यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
स्वास्थ्य सेवा पर चर्चा करने वाले अन्य कई प्रख्यात वक्ताओं में सुश्री प्रीता राजारमन, पीएचडी हेल्थ अताशे और रीजनल प्रतिनिधि, अमेरिकी दूतावास नई दिल्ली, श्री भानु प्रकाश कलमथ एसजे, पार्टनर और सेक्टर लीडर, हेल्थकेयर और लाइफ साइंसेज, ग्रांट थॉर्नटन भारत, डॉ. शुभ्रोज्योति भौमिक, एमडी, क्लिनिकल डायरेक्टर, पीयरलेस हॉस्पिटल और बी के रॉय रिसर्च सेंटर शामिल थे।
प्रमुख दो दिवसीय वार्षिक प्रमुख कार्यक्रम 12-13 सितंबर 2022 को आयोजित किया जा रहा है और चर्चा के प्रमुख क्षेत्रों में रक्षा और विमानन, बैंकिंग और बीमा, खाद्य और कृषि व्यवसाय, स्वास्थ्य सेवा, बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर, जलवायु परिवर्तन और सूचना प्रौद्योगिकी शामिल हैं। शिखर सम्मेलन में भारतीय और अमेरिकी सरकारों, अमेरिकी दूतावास, कॉर्पोरेट क्षेत्रों और थिंक टैंक के प्रमुख वक्ता और पैनलिस्ट शामिल होंगे।