शराब कारोबारी के घर से 55 लाख रुपए की चोरी के मामले में एनआईटी पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार करके किया मामले का पर्दाफाश
फरीदाबाद- डीसीपी एनआईटी नरेंद्र कादयान के दिशानिर्देश तथा एसीपी एनआईटी विष्णु प्रसाद के मार्गदर्शन में कार्रवाई करते हुए एनआईटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुनीता व उनकी टीम ने शराब कारोबारी के घर से 55 लाख रुपए की चोरी के मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले में शामिल चार आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। इस मामले में अभी अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी बकाया है जिन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सागर, रफीक, कशिश तथा संजौली का नाम शामिल है। आरोपी सागर तथा कशिश इस वारदात के मुख्य आरोपी हैं। सभी आरोपी फरीदाबाद के एनआईटी एरिया के रहने वाले हैं। चोरी की यह वारदात आज से 3 महीने पहले अगस्त 2022 में घटित हुई थी परंतु इसकी सूचना पीड़ित कारोबारी मनोज को 12 नवंबर को हुई जब उसने अपने घर के अलमारी को चेक किया तो उसे अलमारी में रखे हुए 55 लाख रुपए गायब मिले। व्यापारी ने इसकी शिकायत पुलिस थाना एनआईटी में दी जिसमें उसने बताया कि वह भगत कॉलोनीe रहता है और शराब ठेकेदारी का काम करता है। उसने किस्त भरने के लिए अपने मकान की अलमारी में पैसे रखे थे और जब उसने सुबह चेक किया तो उसे वह पैसे गायब मिले। शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए थाने में मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच के लिए पुलिस टीम गठित की गई।
पुलिस ने मामले में सीसीटीवी फुटेज खंगाले व आसपास के लोगों से पूछताछ की तथा गुप्त सूत्रों की सूचना के आधार पर पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्यवाही करते हुए मामले में शामिल मुख्य आरोपी सागर तथा कशिश को 13 नवंबर को नीलम चौक से गिरफ्तार कर लिया। इसके पश्चात आरोपियों की निशानदेही पर आरोपिता संजौली तथा आरोपी तांत्रिक रफीक को गिरफ्तार किया गया। आरोपी सागर तथा तांत्रिक रफीक को अदालत में पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया गया जिसमें पुलिस रिमांड के दौरान आरोपी ने चौंकाने वाले खुलासे किए। पुलिस जांच के दौरान सामने आया कि आरोपियों ने चोरी की वारदात को 3 महीने पहले ही अंजाम दे दिया था। दरअसल आरोपी सागर इससे पहले शराब कारोबारी के पास ठेके पर काम करता था। शराब व्यापारी मनोज का एक भाई नितिन है और उन दोनों के मकान भगत कॉलोनी में ही स्थित है। पिछले वर्ष 2021 में व्यापारी के भाई नितिन को पैरालिसिस हो गया जिसके पश्चात व्यापारी ने सागर को उसकी देखभाल करने के लिए उसके पास छोड़ दिया। सागर का व्यापारी के भाई के घर आना जाना रहता था इसलिए इसी दौरान उसकी मुलाकात व्यापारी के भाई की लड़की कशिश से हुई और दोनों की दोस्ती हो गई।
आरोपी सागर को सट्टा खेलने का शौक था और सट्टे के चक्कर में उसके सिर काफी कर्जा हो रखा था तो सागर काफी उदास रहने लगा। एक दिन वर्ष 2021 में ही कशिश ने जब उससे पूछा तो उसने बताया कि उसके सिर काफी कर्जा है तो कशिश ने अपने घर से जेवरात लाकर आरोपी सागर को दे दिए जिसने मुथूट फाइनेंस कंपनी से उन जेवरात पर 15 लाख रुपए का लोन ले लिया। इसके पश्चात भी आरोपी सट्टा खेलता रहा और उसने बताया कि उसके सिर अभी भी काफी कर्जा है। कशिश आरोपी सागर को पता था कि व्यापारी के पास काफी पैसा है और कशिश को यह मालूम था कि वह पैसा कहां रखा है। अगस्त 2022 में शराब व्यापारी हिमाचल के चंबा में स्थित अपनी रिश्तेदारी में गया था और उसकी मां अपने नए मकान में चली गई तो उनका पुराने मकान उस समय कोई नहीं था। आरोपी सागर और कशिश ने सोचा कि इस समय मकान में कोई नहीं है और चोरी करने का यही सही समय है।
दोनों आरोपियों ने अपने पड़ोस में रहने वाली संजौली को चोरी के दौरान बाहर निगरानी रखने के लिए अपनी योजना में शामिल कर लिया और इसके पश्चात आरोपियों ने एक चाबी बनाने वाले को बुलाया और उससे मकान की नकली चाबी बनवा ली। आरोपी सागर और कशिश ने पैसों से भरा बैग अलमारी से निकाला और उसमें से 50 हज़ार रुपए संजौली को देखकर बाकी के पैसे आरोपी सागर अपने घर पर ले गया। इन पैसों में से 8 लाख रुपए कशिश ने ले लिए जिसमें से 3 लाख रुपए उसने मकान की रिपेयरिंग पर खर्च कर दिए। इसके पश्चात बाकी बचे पैसों में से आरोपी सागर ने 8 लाख रुपए अपने मकान की रिपेयरिंग पर लगा दिए 4.50 लाख रुपए की एक बरेजा गाड़ी ले ली तथा वर्ष 2021 में आभूषणों पर लिए गए को चुकाने के लिए 23 लाख रुपए भरे और जो गहने वापस प्राप्त हुए उनपर एक और लोन ले लिया। गहनों के मामले में आरोपी सागर पर एक और मुकदमा दर्ज किया गया है जिसकी अभी जांच की जा रही है। इसके अलावा आरोपी ने 5 लाख रुपए अपने मामा किशन तथा 5 लाख रुपए मौसी के लड़के नोनी को दे दिए जो सट्टा खिलवाने का काम करता है।
आरोपी ने 2 लाख रुपए अपनी बहन काजल को दिए जो दिल्ली में रहती है। इसके पश्चात आरोपी ने 2 लाख रुपए एनआईटी एरिया में रहने वाले तांत्रिक रफीक को दिए जिससे आरोपी सट्टे का नंबर लेता था। आरोपी तांत्रिक ने वह पैसे अपने मामा खुर्शीद को दे दिए जो हथीन में रहता है। तांत्रिक से पूछताछ में सामने आया कि तांत्रिक का कशिश के घर आना जाना था और वहीं से इसकी मुलाकात सागर के साथ हुई। सागर के माध्यम से तांत्रिक की मुलाकात सागर के मौसेरे भाई नोनी के साथ हुई थी जो सट्टा लगवाने का काम करता है। तांत्रिक के कहने पर आरोपी सागर ने एक बार नोनी के पास ढाई लाख रुपए का सट्टा लगाया था जिसमें सागर वह सट्टा जीत गया और उसे 10 लाख रुपए मिले थे। इसके पश्चात सागर को तांत्रिक पर पूरा भरोसा हो गया और उसने सागर से नोनी के माध्यम से बार-बार सट्टा लगवाया जिसमें वह हारता गया और उसके सिर पर कर्ज होता गया।
कर्ज उतारने के लिए सागर ने कशिश के साथ मिलकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और जिन आरोपियों को सागर ने पैसे दिए थे उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है जिन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। आरोपियों के कब्जे से चोरी किए गए 13 लाख रुपए दो मोबाइल फोन तथा एक ब्रेजा गाड़ी बरामद की गई है। पुलिस पूछताछ पूरी होने के पश्चात सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। आरोपी सागर जेवरात के एक अन्य मामले में पुलिस रिमांड पर चल रहा है जिसे पूछताछ पूरी होने के पश्चात अदालत में पेश कर जेल भेजा जाएगा।
पुलिस प्रवक्ता।