मानव ट्रायल के शुरुआती रिजल्ट में ऑक्सफोर्ड की कोविड-19 वैक्सीन सुरक्षित
लंदन। कोरोना वायरस के इलाज के लिए कारगर वैक्सीन का इस वक्त पूरी दुनिया को इंतजार है। इस बीच ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में तैयार कोरोना वैक्सीन को लेकर शुरुआती रिपोर्ट जारी की गई है। मेडिकल जर्नल द लैंसेट जर्नल ने छापा है कि यह वैक्सीन सुरक्षित है और मानव के प्रतिरोधी क्षमता को सक्रिय करती है। इसके बाद कोविड-19 के इलाज के लिए वैक्सीन को लेकर लोगों की उम्मीद बढ़ती है, जिसके चलते अब तक दस हजार से लोगों की मौत हो चुकी है और दुनियाभर में लोगों की गतिविधियों को इस महामारी ने थाम कर रख दिया है।
हालांकि, द लैंसेट ने कहा कि वर्तमान ट्रायल के बाद ये कहना कि कोरोना के इलाज के लिए यह पूरी तरह से कारगर है ये अभी जल्दबाजी होगी। लेकिन, फेज-2 (सिर्फ ब्रिटेन में) और फेज-3 का ट्रायल पुष्टि करना कि SARS-CoV-2 वायरस के खिलाफ प्रभावी है, इसको लेकर ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में चल रहा है।
नए ट्रायल में बिना कोविड-19 की बीमारी वाले 18-35 साल की आयु के स्वस्थ लोगों को शामिल किया गया और 23 अप्रैल से लेकर 21 मई 2020 तक ब्रिटेन के पांच अस्पतालों में चला। पेपर में जो आंकड़े दिए गए हैं वो पहले 56 दिनों के हैं और ट्रायल अभी जारी है।
ट्रायल में शामिल सभी प्रतिभागियों ने अतिरिक्त खून के नमूने दिए और क्लिनिकल असेसमेंट के दौर से गुजरे ताकि यह पता लगाया जा सके कि वैक्सीन सुरक्षित थी और क्या इसने प्रतिरोधक क्षमता को प्रेरित किया। प्रतिभागियों से यह भी कहा गया था कि पूरे ट्रायल के दौरान किसी भी प्रतिकूल चीजों को रिकॉर्ड करें।
रिचर्ड होर्टन ने ट्वीट किया, ”कल। वैक्सीन। बस कह रहा हूं।” इस ट्वीट को लेकर खूब चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि आज ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से विकसित वैक्सीन के परिणाम को लेकर कोई बड़ी घोषणा की जा सकती है। दुनिया भर में इस समय विश्व स्वास्थ्य संगठन 140 कैंडिडेट वैक्सीन की निगरानी कर रहा है। इसमें से करीब दो दर्जन मानव परीक्षण के विभिन्न चरणों में पहुंच गए हैं।
चाइनीज कंपनी सिनोवैक बायोटेक ब्राजील में ट्रायल के तीसरे फेज में जाने को तैयार है। दूसरी तरफ ओक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी/एस्ट्राजेनेका यूके में II/III और साउथ अफ्रीका-ब्राजील में तीसरे फेज में है। जर्मन कंपनी बिनोटेक फिजर के साथ मिलकर वैक्सीन विकसित करने की तैयारी में हैं। भारत में भी दो वैक्सीन मानव परीक्षण फेज में हैं।