नियमों को ताक पर रखकर रिहाइशी इलाकों में बनाई जा रही बहुमंजिला इमारतें, भ्रष्टाचार की नींव पर हो रहे अवैध कॉमर्शियल निर्माण
यमुनानगर : जिले में अवैध निर्माण का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है। ताजा मामला यमुनानगर के मॉडल टाउन का है, जहां रिहायशी इलाके में धड़ल्ले से अवैध कॉमर्शियल निर्माण जारी है। नियमों की मानें तो यहां कोई भी कॉमर्शियल निर्माण नहीं हो सकता। लेकिन यहां नियमों को ताक पर रखकर अधिकारियों की नाक तले सब कुछ हो रहा है। मॉडल टाउन निवासी समाज सेवी नरेश उप्पल ने उनके घर के नजदीक बनाये जा रहे अवैध निर्माण की आवाज उठाई और जब बात मीडिया तक पहुंची तो अधिकारी भी जाग गए। आनन-फानन में अवैध निर्माण का दौरा किया और अधिकारियों ने भी पाया कि नियमों के विरुद्ध ये निर्माण किया जा रहा है। मौके पर आए अधिकारियों ने देखा कि जो कॉमर्शियल नक्शा पास करवाया गया था उससे उलट निर्माण किया गया है। अब इस पर नियमानुसार कारवाई की जाएगी।
समाजसेवी नरेश उप्पल ने बताया कि उनके घर के नजदीक भी अवैध बिल्डिंग का निर्माण हो रहा है। 1960 से उनके परिवार के लोग यहां रह रहे हैं और यह पूरा रिहायशी इलाका है। एक ही परिवार होने के चलते आने-जाने के लिए 8 फुट का रास्ता छोड़ा गया था। बिल्डिंग मालिक ने रिहायशी मकान खरीदा और पता नहीं कैसे नगर निगम में मिलीभगत करके उसको कॉमर्शियल बना दिया गया। घर में एक शादी समारोह होने के चलते हम व्यस्त रहे और देखते ही देखते चार मंजिला इमारत खड़ी कर दी गई। यह कैसे बनाई गई, सबसे बड़ी बात है कि ये पूर्ण रूप से अवैध है नियमों को ताक पर रखकर ही बनाई है। क्या अधिकारियों ने इतनी बड़ी बिल्डिंग बन गई उसको देखा तक नहीं। अगर लोगों को रहने नहीं देना और केवल बिल्डिंग ही बनानी है तो जो लोग यहां रहते हैं उनको जहर दे दिया जाए। हम लोग इतने सालों से आ रहे हैं, हम लोग यहां से छोड़कर कहां जाएं। वहीं इस मामले में निगम अधिकारियों और मेयर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अवैध निर्माण कर बनाई जा रही कॉमर्शियल बिल्डिंग पर इलाका पार्षद विनोद मारवाह ने बताया कि यह बिल्कुल गलत है। इसको लेकर हमने पहले भी आवाज उठाई है लेकिन हमारी आवाज को भी दबाया जाता है। आवाज उठाने के बाद कुछ जगह पर मॉडल टाउन में सीलिंग हुई है। अधिकारियों को यह सब देखना चाहिए। अगर देखें तो मॉडल टाउन में इस प्रकार के बहुत सारे अवैध निर्माण हैं, किसी भी बिल्डिंग का नक्शा पास है। नियम यह कहते हैं कि यह रिहायशी इलाका है, अधिकारियों को कोई जानकारी नहीं है और उन्हीं की लापरवाही का नतीजा है मॉडल टाउन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा हुआ है।
जब मामला मीडिया तक पहुंचा तो उसके बाद आनन-फानन में कई अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और बन रही अवैध बिल्डिंग का दौरा किया। अधिकारियों ने कहा इस जगह का कॉमर्शियल नक्शा पास करवाया गया था, लेकिन नक्शे के अनुसार निर्माण नहीं किया गया। बिल्डिंग के पीछे जो जगह ओपन छोड़नी थी वह नहीं छोड़ी गई। बिल्डिंग ढाई मंजिल पास की गई थी लेकिन मौके पर 4 मंजिल के करीब बना दी गई। यहां नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई है। इसके खिलाफ अवैध निर्माण करने का केस चला जाएगा और सेक्शन 261 और 262 के तहत बिल्डिंग ध्वस्त या सील भी की जा सकती है।
सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब मॉडल टाउन के रिहाइशी इलाके में कमर्शियल बिल्डिंग का निर्माण नहीं हो सकता तो कैसे एक के बाद एक पूरे मॉडल टाउन में बड़े-बड़े शोरूम बनाए गए वह भी नियमों को ताक पर रखकर। बड़े-बड़े शोरूम बनाये गए और किसी के पास भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भी खराब हो जाती है। नियमों की अनदेखी के चलते मॉडल टाउन अब कमर्शियल एरिया बन चुका है। आखिर क्यों मनोहर सरकार के अधिकारियों को यह सब दिखाई नहीं देता। कार्रवाई के नाम पर नोटिस दिए जाते हैं और कुछ समय बाद फिर वही बिल्डिंगों के निर्माण शुरू हो जाते हैं। देखते ही देखते पूरा एरिया जिला का बड़े-बड़े शोरूम और होटलों में तब्दील हो चुका है। अब देखना होगा कि समाजसेवी द्वारा आवाज उठाए जाने के बाद इस पर कोई ठोस कार्रवाई होती है या केवल कागजों में ही एक कारवाई सिमट कर रह जाएगी। क्योंकि अगर समय रहते कार्रवाई की गई होती तो पूरा रिहायशी इलाका कॉमर्शियल भवनों में तब्दील नहीं होता। ऐसे में एक के बाद एक रिहायशी इलाके में हो रहे बड़े-बड़े भवन निर्माण भविष्य के हादसों को भी दावत दे रहे हैं।
NEWS SOURCE : punjabkesari