लिव-इन रिलेशनशिप पर बनाए जाएं सख्त नियम, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला…रजिस्ट्रेशन की उठी मांग
सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर केंद्र को ‘लिव-इन’ संबंधों के पंजीकरण के लिए नियम बनाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। याचिका में ऐसे संबंधों में बलात्कार और हत्या जैसे अपराधों में वृद्धि का उल्लेख किया गया है। याचिका में कथित तौर पर लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला द्वारा श्रद्धा वॉलकर की हत्या किए जाने का हवाला देते हुए इस तरह के रिश्तों के पंजीकरण के लिए नियम और दिशानिर्देश तैयार करने का आग्रह किया गया है।
जनहित याचिका में कहा गया है कि ‘लिव-इन’ संबंधों के पंजीकरण से ऐसे संबंधों में रहने वालों को एक-दूसरे के बारे में और सरकार को भी उनकी वैवाहिक स्थिति, उनके आपराधिक इतिहास और अन्य प्रासंगिक विवरणों के बारे में सटीक जानकारी उपलब्ध होगी।
वकील ममता रानी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि बलात्कार और हत्या जैसे अपराधों में वृद्धि के अलावा, “महिलाओं द्वारा दायर किए जा रहे बलात्कार के झूठे मामलों में भारी वृद्धि हुई है, जिनमें महिलाएं आरोपी के साथ लिव-इन संबंध में रहने का दावा करती हैं और ऐसे में अदालतों के लिए सही चीज का पता लगाना मुश्किल होता है।