FARIDABAD : स्मार्ट सिटी में जलभराव और भूजल की कमी की समस्या दूर करने के लिए मानव रचना सेंटर फॉर एडवांस वॉटर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट , मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (एमआरआईआईआरएस) की ओर से को पीडब्ल्यूडी बीएंडआर कॉलोनी सेक्टर-16 ए में संचालित शोध परियोजना का लोकार्पण किया गया। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की ओर से वित्त पोषित इस परियोजना को 70.12 लाख रुपये की लागत से पीडब्ल्यूडी की जमीन पर तैयार किया गया है।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जिला उपायुक्त श्री विक्रम सिंह और विशिष्ट अतिथि के तौर पर केंद्रीय भूजल बोर्ड के चेयरमैन श्री सुनील कुमार शामिल हुए। इस दौरान मानव रचना शैक्षणिक संस्थान (एमआरईआई) के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला, एमआरईआई के डीजी डॉ. एनसी वाधवा, जल प्रौद्योगिकी सेल (डीएसटी) प्रमुख डॉ. प्रवीण अरोड़ा, सीएडबल्यूटीएम के चेयर प्रोफेसर डॉ. दीपांकर साहा, परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ. ए मुखर्जी और सह प्रधान अन्वेषक डॉ. निधि डिडवानिया भी शामिल रहीं। सबसे पहले कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए डॉ. ए मुखर्जी ने परियोजना के बारे में तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि ये अनुसंधान परियोजना है जिसे सामान्य तौर पर उपयोग की जाने वाली छत पर वर्षा जल संचयन और कृत्रिम भूजल पुनर्भरण प्रणाली को संशोधित करके तैयार किया है।
शहरी क्षेत्रों में आ रही जलभराव की समस्या एवं भूजल स्तर के गिरते स्तर की समस्या को देखते हुए अधिक प्रभावी और कुशल जलभृत भंडारण के लिए काम करेगा। जिला उपायुक्त ने इस परिय़ोजना के लिए संस्थान को बधाई देते हुए कहा कि इसके सफल क्रियान्वन पर पूरे शहर के लिए योजना बनाई जाएगी। स्मार्टसिटी में कई कारणों से जलभराव बड़ी परेशानी बनी हुई है। इसके लिए सभी की भागीदारी से उपाय तलाशे जा रहे हैं। डॉ. प्रशांत भल्ला ने कहा कि संस्थान का उद्देश्य लोगों के शिक्षित करने के साथ ही बेहतर समाज का निर्माण करना है, ये परियोजना इसी मकसद को सार्थक करती है। इसकी मॉनिटरिंग कर सरकार और प्रशासन के साथ परिणाम साझा कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। श्री सुनील कुमार ने कहा कि देशभर में कई शहरों में जलभराव और पानी की किल्लत विकराल रूप ले चुकी है।
इससे निजात पाने के लिए डीएसटी ने मानव रचना के सहयोग से पहल की है जिससे भूजल स्तर बढ़ेगा। डॉ. दीपांकर साहा ने कहा कि इस परियोजना की संरचना साइंटिफिक तरीके से तैयार की गई है, जोकि पानी में से गंदगी को अलग कर इसे पूरी तरह शोधित करके जलभृत भंडारण को बढ़ाएगा। डीएसटी से आए डॉ. प्रवीण अरोड़ा ने कहा कि इस परियोजना से काफी उम्मीदें हैं। ये परियोजना सफलतापूर्वक लागू होगी और देशभर के शहरों को जलभराव और भूजल कमी की समस्या दूर करने के लिए एक मिसाल पेश करेगी। कार्यक्रम संचालिका डॉ. निधि ने बताया कि ये परियोजना फरीदाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड और पीडब्ल्यूडी के सहयोग से तैयार की गई है।
इससे पहले सफल रहीं दो परियोजनाएं : सेक्टर 16 ए (पीडब्ल्यूडी बी एंड आर कॉलोनी) और 15ए (ऑफिसर्स कॉलोनी) में स्मार्ट सिटी क्षेत्र के तहत दो स्थानों की पहचान की गई थी, जहां भूजल स्तर घटता जा रहा है और जलभराव की परेशानी है। इलाके में हर साल मानसून में भारी बारिश के दौरान लोग परेशान रहते हैं। इन दोनों जगहों पर मई 2021 में लगाई गई परियोजनाओं के तहत पिछले मानसून में परीक्षण किया गया और पाया कि ये दोनों पूरी तरह ठीक काम कर रहे हैं। इसके बाद तीसरी परियोजना को शुरू किया गया है।