‘भूख’ जैसी फिल्में समाज को एक दिशा देती हैं : रवि यादव
मामेंद्र कुमार शर्मा (चीफ एडिटर डिस्कवरी न्यूज) हाल में ही MX PLAYER पर प्रदर्शित फ़िल्म ‘भूख’ दर्शकों को काफ़ी पंसद आ रही है। ‘रवि पिक्चर्स’ व ‘फ्लाइंग कलर्स पिक्चर्स’ के बैनर तले बनी फ़िल्म का विषय ऐसा है जो सीधे दर्शकों के मन पर दस्तक देता है। बुज़ुर्गों की स्थिति और आज समाज में उनकी परिस्थिति के बीच रिटायर्ड फ़िल्म मेकर कपूर की भूख की कहानी है ‘भूख’ जिसे ऐसी खूबसूरती और करीने से लेखक ने पिरोया है कि दर्शक फ़िल्म के एक भी फ्रेम को मिस नहीं करना चाहता और लेखक अपने हिसाब से दर्शकों को यात्रा कराते हुए एक ऐसे मोड़ पर ले जाकर कर कहानी को खड़ा कर देता है जहाँ दर्शकों ने उम्मीद भी नहीं की होती है और अचानक से ऐसा लगता है कि फ़िल्म जिस दिशा में जाती दिख रही थी उस के ठीक विपरीत दिशा में पहुँच गई। ये फ़िल्म mx player पर दर्शकों के लिए मुफ्त में उपलब्ध है।
इस फ़िल्म में सुप्रसिद्ध अभिनेता शिशिर शर्मा ने लाजवाब अभिनय किया है। एक बुजुर्ग आदमी के दर्द को पर्दे पर उतारने में वो बेहद प्रभावी रहे हैं। साथ ही सुप्रसिद्ध मॉडल और अभिनेत्री शिल्पा कटारिया सिंह ने भी शिल्पा नाम के अपने किरदार से पूरा न्याय किया है। यश गेरा छोटे किरदार में है मगर अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं। फ़िल्म के निर्माता हैं- रवि यादव, पूजा सिंह एवं मल्लिका सिंह और निर्देशन की ज़िम्मेदारी को बखूबी निभाया है युवा निर्देशक साइक़त बागबान ने। उनका मंझा हुआ निर्देशन कहीं भी फ़िल्म को ढीली नहीं पड़ने देता। फ़िल्म की कहानी और गीत लिखे हैं रवि यादव ने जो इस फ़िल्म के निर्माता भी हैं और अभिनेता और कवि के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। पटकथा एवं संवाद फ़रीद खान और रवि यादव ने मिलकर लिखे हैं।
हृज्जु राय द्वारा तैयार किया गया फ़िल्म का बैकग्राउंड म्यूज़िक भी बेहद प्रभावित करता है। फ़िल्म का छायांकन जो सिद्धार्थ दत्ता ने किया है और संपादन जिसकी बागडोर साइक़त बागबान और मनोज मिश्रा ने संभाली है, फ़िल्म को और प्रभावी बनाने में सफल हुए हैं। फ़िल्म में विशेष आभार के रूप सुप्रसिद्ध अभिनेता आशुतोष राणा का नाम सबसे पहले पर्दे पर आता है क्योंकि फ़िल्म के लिए रवि यादव द्वारा लिखी गईं बेहद मार्मिक पंक्तियों को आवाज़ आशुतोष राणा ने दी है। कुल मिलाकर फ़िल्म एक सामाजिक मुद्दे को बड़े ही अच्छे से उठाने में कामयाब होती है और दशकों को सोचने पर मजबूर करती है। निर्माता रवि यादव ने बताया कि इस फ़िल्म से पैसा कमाना उनका मकसद नहीं है बस वो इस मुद्दे को उठाने के लिए ये सब कर रहे हैं। उन्होंने हम से बात करते हुए सहयोग के लिए अपनी पूरी टीम का आभार किया और आगे भी सामजिक मुद्दों पर फ़िल्म निर्माण करने की प्रतिबद्धता को दोहराया।।