शिक्षक के बिना जीवन अधूरा, शिक्षा का महत्व समझें : स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य
Faridabad : सेक्टर 44 स्थित सिद्धदाता आश्रम में संचालित स्वामी सुदर्शनाचार्य संस्कृत वेद वेदांग महाविद्यालय में शिक्षक दिवस मनाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के चेयरमैन जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने कहा कि शिक्षा के बिना मानव का जीवन अधूरा है इसलिए शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षक भगवान के समान माने गए हैं।
स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने कहा कि अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाने वाले गुरु को भगवान का दर्जा दिया जाता है। हमारे जीवन में गुरु का बड़ा महत्व है। भारत में हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन हमारे देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति, विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का भी जन्मदिन होने से महत्व बढ़ जाता है। इस दिन देश के शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है। उन्होंने कहा कि हमें भी यह समझना होगा कि शिक्षक दिवस पर हम देश को सम्मानित स्थिति तक पहुंचाने वाले शिक्षकों को सम्मान देना ही होगा।
स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने कहा कि मनुष्य के जीवन में शिक्षक का होना अति आवश्यक है। एक शिक्षक ही हमें सभी प्रकार के ज्ञान प्रदान करते हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्रों ने अनेक प्रस्तुतियां देकर सभी की वाहवाही लूटी। प्रधानाचार्य ने बताया कि स्वामीजी तबियत खराब होने के बाद भी कार्यक्रम में भागीदारी करने पहुंचे। उनका मानना है कि शिक्षकों के महत्व को रेखांकित करने वाले इस अवसर को वह खाली जाने देना नहीं चाहते थे। इस अवसर पर सेक्टर 10 फरीदाबाद में अनाथालय चलाने वाले डॉ हरिंदर सिंह ने अपनी टीम के साथ बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की।