जलबीर सिंह को मिला विजनरी एजुकेशन लीडर अवार्ड
Mamendra kumar (Chief Editor DISCOVERY NEWS 24) फरीदाबाद : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य डॉ. जलबीर सिंह को ‘विजनरी एजुकेशन लीडर अवार्ड’ से नवाजा गया है। यूनिवर्सल मेंटर एसोसिएशन द्वारा देहरादून में आयोजित एजुकेशन कॉन्क्लेव- 2023 में उन्हें निसा के अध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज के हाथों यह अवार्ड प्रदान किया गया। डॉ. जाखड़ को यह अवार्ड इनोवेटिव स्कूल के माध्यम से कौशल शिक्षा को बढ़ावा देने के निमित्त दिया गया। उन्होंने इसका श्रेय श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू को दिया है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय सीनियर सेकेंडरी स्कूल देश का पहला इनोवेटिव स्किल स्कूल है, जिसमें विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डांटा साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, ब्यूटी वेलनेस और इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी जैसे
विषय पढ़ाए जा रहे हैं। विद्यालय के दसवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम ने इसे सर्वश्रेष्ठ मॉडल की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है। प्राचार्य डॉ. जलबीर सिंह ने बताया कि यूनिवर्सल मेंटर एसोसिएशन ने इन प्रयासों को सराहा है। कॉन्क्लेव में स्कूली शिक्षा के माध्यम से नई तकनीक और प्रक्रियाओं के समावेश पर चर्चा हुई। प्राचार्य डॉ. जलबीर सिंह ने इस अवॉर्ड के लिए आयोजकों के प्रति आभार ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि इसका सारा श्रेय श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के दोहरे मॉडल और कुलपति डॉ. राज नेहरू के नवाचार को जाता है।
इसी के साथ आईआईएम कलकत्ता में आयोजित एजुकेशन लीडर्स प्रोग्राम में हिस्सा लेकर लौटे डॉ. जलबीर सिंह ने बताया कि इस मंच पर स्कूली शिक्षा और उसके प्रारूप को लेकर प्रभावी मंथन हो रहा है। इसका भी आने वाले समय में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय सीनियर सेकेंडरी स्कूल को फायदा मिलेगा।
कुलपति डॉ. राज नेहरू ने इस उपलब्धि के लिए प्राचार्य डॉ. जलबीर सिंह को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस स्कूल का मॉडल राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अक्षरश: लागू करने की दिशा में एक आदर्श है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि यह स्कूल देश में कौशल शिक्षा की पौध तैयार करने में अग्रणी साबित होगा। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने भी प्राचार्य डॉ. जलबीर सिंह को बधाई दी। उन्होंने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय सीनियर सेकेंडरी स्कूल उत्कृष्टता का मानक बन गया है। इसमें प्राचार्य डॉ. जलबीर सिंह की मेहनत और कुलपति डॉ. राज नेहरू का विजन लगा हुआ है।