निठ्ल्ला ने मनोरंजन करते हुए छोड़े गहरे सवाल
हरियाणा दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित तीसरे हरियाणा रंग उत्सव के समापन अवसर पर निठ्ल्ला नाटक ने दर्शकों का मनोरंजन करते हुए गहरे सवाल छोड़े। फोर्थ वाॅल प्रोडक्शंस द्वारा उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के सहयोग से आयोजित हुए इस नाटक में निठ्ल्ला बनने से लेकर उसके द्वारा उठाए गए ज्वलंत मुद्दे और प्रश्न भी लोगों को झकझोरने में सफल रहे। इस अवसर पर शिक्षाविद् बांके बिहारी ने नाटक में उठाए गए मुद्दों पर कहा कि यह नाटक आज के समय में बिल्कुल प्रासंगिक है क्योंकि आज की इस भागती-दौड़ती जिंदगी में समाज में एक अच्छा इंसान मिलना बहुत मुश्किल हो गया है।आज इन्सान ने अपने चेहरे पर अनेक नकाब लगा रखें हैं
उसको पहचानना अब बहुत कठिन हो गया है .यह इंसान हमारे चारों तरफ दिखाई देते हैं और सच्चे लोगों को अपने जाल में फसा कर उनका मार्ग भ्रष्ट कर देते हैं .भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के जिला संयोजक विमल खंडेलवाल ने भी कहा फोर्थ वाल नाट्य संस्था ने नाट्य कला परम्परा को जिला फरीदाबाद में बनाये रखा है उनके सार्थक प्रयास की प्रशंसा करते हैं और भविष्य में जो भी सहायता हम से होगी उसके लिए हम संस्था के साथ तैयार होंगे .समय समय पर नाटकों का मंचन भी कराया जायेगा . दीपक पुष्पदीप के निर्देशन में हरिशंकर परसाई की व्यंग्य रचनाओं पर आधारित नाटक निठ्ल्ला में बताया जाता है कि तीस-पैंतीस साल तक शादी न होने और कई इंटरव्यू देने के बाद भी नौकरी न लगने वाला युवक दुनिया की नज़रों में निठ्ल्ला कहलाता है।
इसके बाद नाटक के किरदार मनोरंजक तरीके से अलग-अलग मामलों पर नज़र डालते हैं मसलन किसी सफल हिरोइन को साबुन बेचने का काम क्यों करना पड़ रहा है, कोई बिमारी कैसे लोगों के लिए प्रतिष्ठासूचक हो जाती है, अकेलापन आदमी को कैसे खा जाता है आदि से लेकर निठ्ल्ला की खोज एक सच्चा आदमी ढूंढने पर ख़त्म होती है। इस नाटक में ऐसे मुद्दों को शामिल किया गया जो व्यक्ति के आस-पास घटित होते ही रहते हैं। इस तरह दर्शक नाटक से जुड़ कर एक संवाद बना लेते हैं।
निठ्ल्ला नाटक में अभिनय करने वाले निठ्ल्लों में दर्शक कुमार, आकाश सेंगर, अमन कुमार, अभिषेक प्रिन्स, निशान्त कदम, लक्ष्मी नारायण, हेमंत कुमार कौशिक रहे। कुलदीप कुणाल द्वारा रूपांतरित इस नाटक में जीवन के सच्चे पहलुओं से रूबरू करवाया गया है। वहीं, फोर्थ वाॅल प्रोडक्शंस के सचिव अंकुश शर्मा ने बताया कि विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर मार्च महीने में फ़रीदाबाद थियेटर फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा।