डीसीपी एनआईटी अमित यशवर्धन ने खेड़ी गुजरान कॉलेज में छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में किया जागरूक, दिलाई नशा न करने की शपथ

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फरीदाबाद: सरकार द्वारा चलाए गए हरियाणा उदय कार्यक्रम के तहत छात्रों को नशे से दूर रहने तथा नशे से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए आयोजित किए गए कार्यक्रम में डीसीपी एनआईटी अमित यशवर्धन ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की और छात्रों को अहम जानकारियां प्रदान की।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि पुलिस महानिदेशक द्वारा एनआईटी जोन को नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है जिसके लिए डीसीपी एनआईटी द्वारा एसीपी एनआईटी को इस अभियान का नोडल अधिकारी नियुक्त करके उन्हें नशा तस्करों पर अंकुश लगाने तथा विभिन्न स्कूल कॉलेज व सार्वजनिक स्थान पर जाकर अधिक से अधिक छात्रों सहित नागरिकों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं। महिला थाना एनआईटी प्रभारी को इस अभियान का कोआर्डिनेटर नियुक्त किया गया है जो सभी से संबंध में स्थापित करके इस अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान देंगे। फरीदाबाद पुलिस द्वारा नशा मुक्ति अभियान के तहत छात्रों को लगातार जागरूक किया जा रहा है और अलग-अलग पुलिस टीम विभिन्न स्कूल कॉलेज में पहुंचकर छात्रों को इसके बारे में अहम जानकारियां प्रदान कर रही हैं।

इसी के तहत डीसीपी अमित यशवर्धन खेड़ी गुजरान कॉलेज में पहुंचे जहां पर कॉलेज प्रशासन ने उनका भव्य स्वागत किया और छात्रों को नशा मुक्ति के बारे में जानकारी देने के लिए मंच पर आमंत्रित किया। पुलिस उपायुक्त ने छात्रों को नशा मुक्ति के बारे में विशेष जानकारी देते हुए बताया कि युवावस्था में कई बार गलत संगत में पड़ जाने की वजह से कुछ नवयुवक कम उम्र में ही नशे के शिकार हो जाते हैं और शराब या धूम्रपान करना शुरू कर देते हैं और धीरे-धीरे यह उनकी आदत में शुमार हो जाता है। इसके पश्चात आगे चलते-चलते नशे की मात्रा बढ़ने लगती है और वह कई बार ओर भी गंभीर मादक पदार्थ जैसे गांजा अफीम चरस जैसे नशीले पदार्थों का शिकार हो जाता है। नशे के कारण बहुत सी समस्याएं पैदा होती हैं जिसमें सबसे पहले है स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं जिसमें व्यक्ति अंदर से खोखला होने लगता है और व्यक्ति को कमजोरी महसूस होने लगती है परंतु वह नशे की आदत के कारण इस लत को छोड़ नहीं पाता। नशे में व्यक्ति अपने परिजनों के साथ भी लड़ाई झगड़ा करता है जिसकी वजह से उसकी अपने साथियों और परिजनों के साथ अनबन शुरू हो जाती है।

इसके अलावा नशा करने वाला व्यक्ति अपनी धन संपत्ति को नशे में उड़ाने लगता है और पैसा खत्म होने के बाद वह चोरी लूट जैसी वारदातों को अंजाम देना शुरू कर देता है जिसकी वजह से वह अपराध जगत में कदम रखता है और यह छोटे-मोटे अपराध आगे चलकर बड़ा रूप धारण कर लेते हैं तथा कई बार नशे में व्यक्ति पैसों के लिए डकैती या हत्या जैसी गंभीर वारदातों को भी अंजाम दे देता है। उन्होंने बताया कि उक्त समस्याओं से बचने का एक ही उपाय है कि आप नशे से दूर रहें तथा जिस व्यक्ति को नशे की लत लग चुकी है वह योग व्यायाम करें और अपने मन को इतना मजबूत बनाएं कि वह अपने आप को नशे से दूर रख सके। इसके साथ ही उन्होंने नशा तस्करों पर अंकुश लगाने के लिए आमजन को इन कार्यों में संलिप्त आरोपियों की सूचना टोल फ्री नंबर 90508 91508 पर पुलिस को देकर उनकी धरपकड़ करने तथा जो व्यक्ति नशे के जंगल में फंस चुका है उसे बाहर निकालने के लिए रिहैबिलिटेशन सेंटर के माध्यम से प्रयास किए जाएंगे। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा ।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि अवैध नशे की गतिविधियों में शामिल तस्करों पर अंकुश लगाने के लिए उनके खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किए जा रहे हैं। इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर तक 307 मुकदमा दर्ज करके 393 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है आरोपियों के कब्जे से करीब 544 किलोग्राम गांजा, ब्राउन शुगर 272 ग्राम, हीरोइन 10 ग्राम, मेथाडान 24, एमडीएमए 32 ग्राम, चूरा पोस्त 1 किलो 400 ग्राम, चरस 400 ग्राम, कोकीन 48 ग्राम, अफीम 984 ग्राम, स्मैक 1 किलो 56 ग्राम , सुल्फा 72 ग्राम, सिरप 14 सीसी, इंजेक्शन 448 और 1254 कैप्सूल बरामद किए गए है। पुलिस उपायुक्त ने छात्रों को साइबर सुरक्षा तथा महिला विरुद्ध अपराध के बारे में भी अहम जानकारियां दी और छात्रों और शिक्षकगणों को नशा नहीं करने तथा अपने साथियों और परिजनों को भी इसके बारे में जागरूक करने की शपथ दिलाकर कार्यक्रम का समापन किया।