फरीदाबाद: श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में आज दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में देश भर से भक्त पहुंचे। जिनमें 300 से ज्यादा को नामदान दिया गया। इस अवसर पर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने दीक्षार्थियों को विधि अनुसार हवन करवाया। उन्हें यज्ञोपवीत धारण करवाया और उसके बाद उनके बाजुओं पर शंख चक्र के निशान लगाए गए। इसके बाद सभी के कान में गुरुनाम दिया गया और उन्हें शरणागत करवाया गया। इस अवसर पर गुरुजी ने भक्तों को बताया कि वह गुरु से प्राप्त मंत्र का निरंतर जप करें। ऐसा करने से उन्हें भौतिक व्याधियों से मुक्ति मिलेगी वहीं उनके इहलोक से परलोक तक मुक्ति का मार्ग भी खुलेगा।
उन्होंने भक्तों से कहा कि रामानुज संप्रदाय में दीक्षा प्राप्त करने वाला अभय जीवन जीता है। ऐसा हमारे परमाचार्य रामानुज स्वामी का कथन है। उन्होंने भगवान नारायण से वचन लिया है कि जो भी भगवान का भाव से नाम जपेगा और मानवता को अपनाएगा, भगवान उसे अपने परम धाम में स्थान अवश्य ही देंगे। गौरतलब है कि श्री सिद्धदाता आश्रम उत्तर भारत में रामानुज संप्रदाय का विशालतम तीर्थ क्षेत्र है जिसकी स्थापना स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज ने वर्ष 1989 में की थी। तब से यह स्थान देश विदेश में असंख्य भक्तों की आस्था का अटूट केंद्र बन चुका है। यहां वैष्णव परंपरा का पालन किया जाता है और भक्तों के कल्याणार्थ अनेक प्रकल्पों का भी संचालन किया जाता है।