अभिनेता व समाजसेवी पंकज तिवारी (पप्पू) का 50वां जन्मदिन नौनिहालों के बीच मनाया गया

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MAMENDRA KUMAR (CHIEF EDITOR DISCOVERY NEWS 24) पट्टी, प्रतापगढ़ : भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता व लोकप्रिय समाजसेवी पंकज तिवारी (पप्पू तिवारी) का 50वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया है। हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी पप्पू तिवारी का जन्मदिन मुंबई, गुजरात सहित उनके पैतृक गांव पट्टी, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया है। इसी क्रम में पट्टी नगर स्थित प्राथमिक विद्यालय पट्टी प्रथम में समाजसेवी का 50वां जन्मदिन नौनिहालों को उपहार व मिष्ठान वितरित कर मनाया गया।

बता दें कि पट्टी तहसील क्षेत्र के परमीपट्टी गांव के रहने वाले फ़िल्म अभिनेता, समाजसेवी व गुजरात के प्रतिष्ठित व्यवसायी पंकज तिवारी (पप्पू तिवारी) का जन्मदिन विगत कई वर्षों से प्राथमिक विद्यालय पट्टी प्रथम के बच्चों के बीच मनाया जाता है। इस दौरान बच्चों को पठन-पाठन सामग्री के साथ ही मिष्ठान का वितरण किया जाता है, जिसे पाकर नौनिहालों के चेहरे पर अलग तरह की मुस्कान बिखरी नजर आती है।
विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी समाजसेवी पंकज तिवारी का जन्मदिन मनाया गया। इस दौरान नगर पंचायत अध्यक्ष पट्टी अशोक कुमार जायसवाल, प्रधानाध्यापक शिवपूजन पाण्डेय, जटाशंकर तिवारी, दयाशंकर तिवारी, खंड शिक्षा अधिकारी गुलाब सिंह, कौशलेंद्र प्रताप सिंह, अजीत दूबे, शक्ति सिंह, राजेश दूबे, हिमांशु तिवारी, शिक्षिका ममता, शबनम समेत तमाम संभ्रांत लोग मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि फिल्म अभिनेता पप्पू तिवारी भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने जुबली स्टार व सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ, सुपरस्टार खेसारी लाल यादव के साथ कई फिल्मों में शानदार अभिनय किया है। इसके अलावा वे हमेशा समाज के लिए और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए तैयार रहते हैं। भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री उन्हें बहुत प्यार भी करती है और वे खुद फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के साथ भाईचारा रखते हुए हर किसी के दुःख-सुख शामिल होते हैं। जरूरतमंद लोगों की गुप्तदान करके मदद करने के लिए उनकी भूरि भूरि प्रशंसा की जाती है।

जरूरतमंद लोगों की मदद करने में हमेशा आगे रहने वाले पंकज तिवारी उर्फ पप्पू तिवारी ने कहा कि ‘किसी इंसान को बिना बताए उसकी सहायता करना और उस मदद से मिलने वाली खुशी को उसकी आंखों में महसूस करना ही सच्ची जनसेवा है। अपने लिये तो हर कोई जीता है। लेकिन जीवन जीने की सार्थकता तभी है, जब हम किसी जरूरतमंद के लिए कुछ करें। यह सब जो मैं कर पा रहा हूँ, यह सब भगवान की कृपा है। मैं कुछ भी नहीं हूँ, सब वही ईश्वर करवाते हैं।’