ट्रैफिक पुलिस के द्वारा सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के अंतर्गत कल नियमों का उल्लघंन करने वाले 85 बसों का चालान और 17 बस को किया गया इंपाउंड ,अभी तक 67 बसों का चालान कर, 5 बसें इंपाउंड की जा चुकी हैं

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MAMENDRA KUMAR (CHIEF EDITOR DISCOVERY NEWS 24) फरीदाबाद: पुलिस एक्ट श्री राकेश कुमार आर्य के द्वारा दिए गए निर्देश एवं पुलिस उपायुक्त यातायात ऊषा के की मार्गदर्शन में एसीपी ट्रैफिक के नेतृत्व और आरटीए की सहायता से यातायात व्यवस्था सुधार सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के अंतर्गत के चेकिंग अभियान में दो दिनो मे यातायत नियमों का उल्लंघन करने वाले 152 स्कूल बस चालकों के चालान किए गए और 22 बसों को इंपाउंड किया गया।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि फरीदाबाद पुलिस द्वारा सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत स्कूल बसों की लगातार चेकिंग की जा रही है। यातायात पुलिस उपायुक्त के अनुसार दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए सड़क सुरक्षा के नियमों की पालना करना अति आवश्यक है।यातायात पुलिस रोजाना चौक-चौराहों पर ऐसी बसों को रोककर चालान कर रही है। फरीदाबाद पुलिस द्वारा कल 85 बसों का चालान किया गया और 17 बस इंपाउंड की गई वहीं आज अभी तक 67 बसों का चालान किया जा चुका है और 5 बसें इंपाउंड की जा चुकी हैं। स्कूल बसो की समय-समय पर चेकिंग की जाती है जिसमें वर्ष 2023 में 1162 स्कूल बस चालको के चालान किए गए थे वही इस वर्ष जनवरी से 10 अप्रैल तक करीब 105 बसो के चालान किए जा चुके हैं। बच्चों को ले जाने वाली स्कूल बस को निर्धारित यातायात नियमों का पालन करना अति आवश्यक है।

नियमों के तहत प्रत्येक बस में निम्नलिखित नियमों की पूरी पालना हो। डीजल बस 10 साल से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए। पैट्रोल व सीएनजी की बस 15 साल से पुरानी नहीं होनी चाहिए। प्रत्येक स्कूल बस में आईपी कैमरा, मानिटर हो और 15 दिन की रिकार्डिंग बस में और 90 दिन की स्कूल में हो। बस में महिला सहायक होनी आवश्यक है। सुरक्षित वाहन पालिसी के सभी नियम पूरे हो। चालक के पास पांच साल का अनुभव होना चाहिए। कंडक्टर के पास वैध लाईसेंस होना चाहिए। चालक-परिचालक की वर्दी होनी चाहिए, रजिस्ट्रेशन व फिटनेस सर्टिफिकेट हो। बसों में स्पीड गर्वरनेंस लगा हो। स्पीड गर्वनर लगा हो और कार्य करता है। नंबर प्लेट ठीक होनी चाहिए। अग्निशमन यंत्र लगा हो। ब्रैक व एमरजेसी ब्रैक सही से काम कर रहे हों। हैड लाईट व बैक लाईट सही हो। फर्स्टएड बॉक्स लगा होना चाहिए। स्कूल बसों के पिछे आपातकालीन हेल्पलाइन नम्बर लिखे होने चाहिए। ऐसा न करने वाले चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।