जानिए Railway का plan !, official Tour के लिए महंगा मिलेगा Train का Ticket
अब एक ही ट्रेन में एक ही श्रेणी के लिए अलग-अलग किराया भी लग सकता है। दरअसल, रेलवे यात्री किराए में मिलने वाली 47% सब्सिडी सिर्फ निजी यात्रा में ही देने की तैयारी कर रहा है। सरकारी या निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को ऑफिशियल टूर पर ट्रेन में बिना सब्सिडी यानी महंगा टिकट लेकर यात्रा करनी पड़ेगी।
दरअसल, रेलवे से रोज करीब 2.5 करोड़ लोग सफर करते हैं। रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया, अगर कोई 1000 रु. का टिकट खरीदता है तो उसकी असल कीमत 1470 रु. होती है। इस अंतर का भार रेलवे सब्सिडी के रूप में उठाता है। उन्होंने कहा, सब्सिडी से हो रहा घाटा कम करने के लिए कई सुझाव आए लेकिन इनमें ज्यादातर किराया बढ़ाने के विकल्प बताए गए।
सूत्रों ने बताया, रेलवे बोर्ड के एक पूर्व अध्यक्ष ने सब्सिडी का बोझ कम करने के लिए पैसेंजर कैटेगरी को तर्कसंगत बनाने का सुझाव दिया था। इस पर नीति आयोग सहित अन्य संस्थाओं से विचार के बाद एक ब्लूप्रिंट बनाया है। इसके मुताबिक यात्रियों को ‘सामान्य’ और ‘संस्थागत’ श्रेणी में बांटा जाएगा। संस्थागत श्रेणी में निजी क्षेत्र और सरकारी सेवा से जुड़े ऐसे यात्री होंगे जो आधिकारिक काम से यात्रा करेंगे। इन्हें टिकट बुक करते समय फॉर्म में इसे स्पष्ट रूप से लिखना होगा।
संस्थानों और वित्त मंत्रालय से मदद लेंगे
रेलवे जोन और मंडल स्तर पर संगठित क्षेत्र के प्रतिष्ठानों और संस्थाओं से ऑफिशियल यात्रा करने वाले कर्मचारियों का डेटा लेगा। रेल मंत्रालय ऑफिशियल टूर में सब्सिडी न लेने पर इंसेंटिव देने पर भी विचार कर रहा है। जरूरत पड़ने पर आधिकारिक यात्रा का डेटा जुटाने के लिए वित्त मंत्रालय का सहयोग लिया जाएगा। दरअसल, निजी संस्थान आयकर रिटर्न में ट्रैवल एक्सपेंस अलग से दर्ज करते हैं। इससे भी जानकारी जुटाई जाएगी। एक अधिकारी ने कहा, इस योजना का मकसद यह है कि ऐसी संस्थाएं सब्सिडी का फायदा न लें, जो टिकट खरीद सकती हैं।