राजस्थानी कलाकारों का हुजूम सड़कों पर, राजवीर गुर्जर बस्सी की अगुवाई में भाषा के लिए लड़ाई
Mamendra kumar (Chief Editor DISCOVERY NEWS 24) : आज देश में अलग अलग भाषाओं का सिनेमा अपनी अपनी भाषा की पहचान बचने के लिए सड़कों पर उतारकर आंदोलन कर रहा है। इसी कड़ी में आज राजधानी जयपुर की सड़कों पर राजस्थानी सिनेमा जगत के कलाकार उतर गए. उनका सड़कों पर उतारकर कर आंदोलन करने का एक ही मक़सद है कि राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता मिले। इसी मांग को लेकर कलाकारों ने अनोखा प्रदर्शन किया। जिसमें राजस्थनी सिनेमा जगत के बड़े बड़े कलाकार इस आंदोलन में शामिल हुए। इस आंदोलन का नेतृत्व राजस्थानी सिनेमा के जाने-माने चेहरे राजवीर गुर्जर बस्सी ने किया।
शहर के त्रिवेणी नगर से रिद्धि सिद्धि तक इन कलाकारों ने पैदल मार्च किया। इस आंदोलन में म्यूजिक के डायरेक्टर अजीत बैंसला, क्यूरोलॉजिक सॉफ्टेक के निदेशक हरि सोनी, नोहारा म्यूजिक के डायरेक्टर भरत गुर्जर, मशहूर हरियाणवी ऐक्ट्रेस अंजलि राघव, एक्टर श्रवण सागर सहित कई कलाकार मौजूद थे। दरअसल, ये लोग राजस्थानी भाषा और सिनेमा के लिए आवाज बुलंद कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने ढोल-शहनाई की धुनों के बीच राजस्थानी भाषा और सिनेमा के लिए नारे भी लगाए. ऐसा पहला मौका है जब राजस्थानी सिनेमा को बचाने के लिए सभी कलाकारों ने पैदल मार्च निकाला। जिसने भी इस मार्च को देखा, वो हैरान था।
राजवीर गुर्जर बस्सी ने कहा कि हमारा आंदोलन सिर्फ और सिर्फ राजस्थान सरकार तक अपनी बातें पहुंचने का मकसद है, जिस वे हमारे राज्य के सिनेमा को आगे बढ़ाने के लिए कुछ करें। आज देश के कई सिनेमा विदेशों में भी अपनी धाक बना रहे हैं ऐसे में राजस्थनी सिनेमा अपनी पहचान खोता जा रहा है। हम बस इतना चाहते हैं कि राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता मिले। वही हम राजस्थानवासियों से ये अपील करने चाहते हैं कि राजस्थानी सिनेमा को आगे बढ़ाने के लिए वे भी आगे आये। सिर्फ सिनेमाघरों में फिल्म देखने से ही भाषा, संस्कृति, सिनेमा और साहित्य कभी आगे बढ़ नहीं पाएंगे। पैदल मार्च के जरिए लोगों ने राजस्थानी भाषा, संस्कृति और सिनेमा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार से आह्वान किया गया है।
इस मौके पर एक्टर श्रवण सागर ने कहा कि हम पिछले कई सालों से राजस्थानी सिनेमा और भाषा के लिए काम कर रहे है। इस बार हमने राजस्थानी साहित्य पर ही फिल्म भरखमा बनाई है। वही, एक्ट्रेस अंजलि राघव ने बताया कि राजस्थानवासियों को राजस्थानी सिनेमा को आगे बढ़ाने के लिए आगे आना चाहिए।