शहर की सबसे पुरानी विजय रामलीला कमेटी के इतिहासिक और पौराणिक मंच पर कल रात सीता स्वयंवर दर्शाया गया
Faridabad : शहर की सबसे पुरानी विजय रामलीला कमेटी के इतिहासिक और पौराणिक मंच पर कल रात सीता स्वयंवर दर्शाया गया। माता जानकी (जितेश आहूजा) और भगवान राम (सौरभ कुमार) जनक नगरी की पुष्प वाटिका में एक दूसरे को प्रथम बार मिले और कमेटी के पूर्व निर्देशक स्वर्गीय श्री विश्वबंधु शर्मा जी द्वारा रचित गीत – “जग की रचना करने वाले क्या क्या खेल रचाते हैं, सिया राम हो जाते हैं और राम सिया हो जाती हैं” गया गया। गीत ने युगल जोड़े के दिव्य मिलन में चार चाँद लगा दिए और सभी दर्शक इस भव्य मिलन को देख भाव विभोर हुए।
उसके बाद देश विदेश से पधारे राजाओं ने शिव धनुष पर अपना ज़ोर लगाया जिसमे मुख्य रूप से पंडित रघुनाथ शर्मा जी के हास्य गुल गुलों ने दृश्य को जीवान्त रखा। अंत तह राम जी ने धनुष पर प्रत्यंचा चढाई और सीता जी ने वरमाला डाला स्वयंवर को स्वीकृति दी, तभी दरबार में परशुराम बने निशांत नागपाल का प्रवेश हुआ और फिर लक्ष्मण परशुराम संवाद ने मंच पर माहौल गर्म कर दिया। तालियों की गड़गड़ाहट से मैदान गूँज उठा कर लक्ष्मण बने प्रिंस मनोचा के अभिनय खूब सराहा गया। आज इसी मंच पर होगा रंगारंग झांकियों का प्रदर्शन और सीता राम विवाह की खुशियाँ मनाई जाएंगी, आतिशबाजियों और ढोल नगाड़ों के साथ सीता जी अयोध्या आएँगी और कल इसी मंच पर होगा राम बनवास।