सादा जीवन,उच्च विचार के प्रतीक थे पूर्व प्रधानमन्त्री लाल बहादुर शास्त्री: सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह
Mamendra kumar (Chief Editor DISCOVERY NEWS 24) पटना : लाल बहादुर शास्त्री विचार मंच द्वारा आयोजित 120 वीं जयंती समारोह में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि देश के दूसरे प्रधानमंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री सादा जीवन, उच्च विचार के प्रतीक थे। प्रधानमंत्री जैसे सर्वोच्च पद पर रहते हुए भी वह आम आदमी की तरह जीते थे । उनका आदर्श न सिर्फ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के लिए है बल्कि पूरे देश के लोगों के लिए है जिसे आज अपनाने की जरूरत है । शास्त्री जी ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था। उन्होंने सेना के जवानों को प्रतिष्ठा देने का काम किया और किसानों को मुख्य धारा में लाने का काम किया था । आज देश उनके विचारों से विमुख हो गया है जिसका नतीजा है कि देश की हालत खराब है और देश को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लाल बहादुर शास्त्री ने जवानों को जो प्रतिष्ठा दी थी, वह प्रतिष्ठा उन्हें सदैव देने की जरूरत है । किसानों को जो सम्मान शास्त्री जी ने दिया था वह सम्मान आज उन्हें नहीं मिल रहा जिससे देश के किसान संकट में है और आंदोलन की राह बार-बार पकड़ रहे हैं। सरकार को चाहिए की शास्त्री के सिद्धांतों,आदर्शों को अपनाकर देश के जवानों को प्रतिष्ठा दें और किसानों को मुख्य धारा में लाये ताकि वह देश की समृद्धि में सहायक हो सके।
सांसद श्री सिंह ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री एक ऐसे प्रधानमंत्री थे जो कभी भी बच्चों के स्कूल चले जाते थे और पीछे खड़े होकर बच्चों की शिक्षा का नजदीकी से जायजा लेते थे । यह उनकी कार्यशैली का एक बेहतर उदाहरण है । कांग्रेस सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए भी उन्होंने आम जनजीवन जिया, कभी भी आम आदमी से अपने को अलग नहीं समझा । आज उनके आदर्श पर चलने की जरूरत है, तभी देश समृद्ध और खुशहाल हो पाएगा। स्थानीय विद्यापति भवन में उनकी जयंती समारोह को “जय जवान जय किसान” दिवस के रूप में मनाया गया । लाल बहादुर शास्त्री विचार मंच के अध्यक्ष अजय वर्मा ने कहा कि शास्त्री जी ने “जय जवान जय किसान” का नारा घोर विपदा के समय दिया था। इस नारे के जरिए उन्होंने सेना के जवानों और देश के किसानों को सम्मान और ताकत दी थी । इस नारे के बाद जवानों व किसानों ने मिलकर देश को उस समय की परेशानियों व चुनौतियों से निजात दिलाया था । उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री विचार मंच भारत सरकार से यह मांग करता है कि लाल बहादुर शास्त्री की जयंती को सरकारी तौर पर “जय जवान जय किसान” दिवस के रूप में पूरे देश में मनाया जाए। यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी । उन्होंने कहा कि ‘जय जवान जय किसान’ दिवस की मांग को लेकर लाल बहादुर शास्त्री विचार मंच एक हस्ताक्षर अभियान भी पूरे देश में चलाएगा। हस्ताक्षर अभियान पूरा होने के बाद हस्ताक्षरों की कॉपी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को समर्पित किया जायेगा जिसे मंच का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलकर उन्हें समर्पित करेगा ।
श्री वर्मा ने कहा कि मंच यह भी महसूस करता है कि देश के प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमई मौत हो गई और इसकी जांच तक नहीं हुई । मंच केंद्र सरकार से लाल बहादुर शास्त्री जी की विदेश में हुई रहस्यमई मौत की उच्च स्तरीय जांच की मांग भी करता है । जयंती के मौके पर प्रदेश के वैसे लोगों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करके देश में बड़ा योगदान दिया है । इसके अतिरिक्त लाल बहादुर शास्त्री विचार मंच के तत्वावधान में विभिन्न स्कूलों में आयोजित की गयी बच्चों की प्रतियोगिताओं में विजयी होने वाले नन्हे बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया।
मंच की ओर से इस वर्ष लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से रुद्रदेव प्रसाद किसन कॉलोनी पूजा समिति को, कमल नयन श्रीवास्तव,गणेश चंद्र प्रसाद, इंजीनियर किशोर कुमार, लाला प्रकाश,देवी दयाल ,विनोद कुमार विद्यार्थी, हनुमान नगर पूजा समिति को समाज सेवा के लिए प्रदान किया गया। इसके अलावा राहुल कुमार,दिव्यांशु कुमार (शिक्षा ), सौम्या श्रीवास्तव (राजनीति ), रचित सिन्हा (व्यवसाय ), अनुभव राज (बहुप्रतिभा संपन्न ), डॉ रूबी भूषण (कविता ), संजय कुमार सिन्हा (न्याय ), संजय कुमार अलबेला (समाजसेवा), प्रेम कुमार, उज्जवल कुमार सिन्हा,अपूर्व वर्मा, प्रशांत कुमार (पत्रकारिता ), प्रभाकर प्रसाद नंदन, यश प्रताप (खेल ), मोहित कुमार सिन्हा (चित्रकला ) के लिए सम्मानित किया गया है। समारोह के विशिष्ट अतिथि पद से पूर्व सांसद व पूर्व मंत्री, बिहार विधानसभा के सदस्य आलोक कुमार मेहता ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री देश के लिए आदर्श हैं और उनके विचार को अपनाने की जरूरत है।
पूर्व मंत्री व बिहार विधान सभा के सदस्य विधायक मो. इसरायल मंसूरी ने कहा कि बहादुर शास्त्री ने राजनीतिकों के लिए एक ऐसा दर्शन दिया था जिसको हर राजनेता को अपनाना चाहिए, आत्मसात करना चाहिए।
पटना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायमूर्ति हेमंत कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ऐसे प्रधानमंत्री थे जो जन-जन से जुड़े थे और एक आम आदमी से लेकर देश के हित की चिंता उन्हें रहती थी।
पटना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायमूर्ति अमरेश कुमार लाल ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री को आज भी अगर देश याद करता है तो उनकी सादगी और उनकी कार्यशैली देशवासियों के दिलों दिमाग पर हमेशा रहती है।
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री के आदर्श आज के इस आधुनिक युग में भी प्रासंगिक है जिसे अपनाकर देश को महान बनाया जा सकता है।
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ डी.के. श्रीवास्तव ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री सादगी से जीने वाले प्रधानमंत्री थे जिनको कभी पद की गरिमा और पद की प्रतिष्ठा आम आदमियों के सामने नहीं दिखी। मौके पर विनोद श्रीवास्तव ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री देश के लिए एक आदर्श प्रधानमंत्री के रूप में याद किए जाते हैं।
जयंती समारोह में विजय कुमार सिन्हा, पुष्कर श्रीवास्तव, सुजीत कुमार वर्मा, कमल नयन श्रीवास्तव, ललन प्रसाद,दीपक कुमार, पंकज सिन्हा, राकेश रंजन, लाला प्रसाद, राजीव रंजन, रंजीत वर्मा,गौरव नंदन सहाय समेत कई चित्रगुप्त पूजा समितियों के सदस्य समेत बिहार भर के शास्त्री जी को चाहने वाले लोग शामिल थे ।