सुप्रीम कोर्ट का आदेश : लॉकडाउन के दौरान पूरी फीस नहीं ले सकते स्कूल; ऑनलाइन के कारण खर्च घटा, फीस कम करे स्कूल

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश से दिल्ली के भी लाखों पैरेंट्स ने कुछ राहत की सांस ली है। अब लॉकडाउन के दौरान कोई भी स्कूल पूरी फीस नहीं ले सकते। सुप्रीम कोर्ट ने आज राजस्थान के 36,000 गैर सहायता प्राप्त पब्लिक स्कूलों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है।

कानून के जानकारों का कहना है कि यह आदेश आदेश सुप्रीम कोर्ट का है इसलिए इस आदेश को पूरे देश के सभी राज्यों के स्कूलों पर लागू होगा। बता दें कि लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर स्कूलों पर पड़ा है। स्कूल बंद होने के कारण ऑनलाइन क्लासेस शुरू हुई तो इसके साथ ही फीस का विवाद भी खड़ा हो गया।

लॉकडाउन के दौरान क्लासेस ऑन लाइन क्लासेज की स्कूलों द्वारा पैरेंट्स से मनमाने तरीके से फीस वसूलने को लेकर दिल्ली में हजारों में मामले आए है। इसे लेकर डीपीएस स्कूल सहित कई स्कूलों में पैरेंट प्रदर्शन करने से लेकर शिकायत भी किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि लॉकडाउन के दौरान स्कूल पूरी फीस नहीं वसूल सकते हैं। दरअसल, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि निजी स्कूल राज्य कानून के तहत निर्धारित वार्षिक फीस वसूल सकते हैं।

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि स्कूलों को शैक्षणिक सत्र 2020-21 की वार्षिक फीस में 15 प्रतिशत की कटौती करें, क्योंकि बच्चों को इस वर्ष में वह सुविधाएं नहीं मिली जो स्कूल जाने पर मिलती है। यदि कोई अभिभावक फीस नहीं चुका पाते हैं तो उनके बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस से वंचित नहीं रखा जा सकता है। स्कूलों को ऐसे बच्चों की परीक्षा लेना होगी और परिणाम भी जारी करना होगा।