कोरोना पीड़ित गर्भवती को गाड़ी में देना पड़ा बच्चे को जन्म, स्वास्थ्य विभाग की ओर से नहीं मिली कोई मदद
हरियाणा : हरियाणा के जिले फतेहाबाद में जाखल के साधनवास गांव से एक बड़ी खबर सामने आई है। जिसमें एक कोरोना पीड़ित गर्भवती महिला ने अस्पताल जाते वक्त रास्ते में ही गाड़ी में बच्चे को जन्म दे दिया। इसके चलते महिला के पति द्वारा स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी भी तरह की सहायता ना देने और सिविल अस्पताल में भर्ती ना करने के गंभीर आरोप लगाए है।
जानकारी के मुताबिक महिला की डिलीवरी सब-सेंटर पर काम करने वाले एएनएम हरजीत कौर, गांव तलवाड़ी से प्रवीण कौर और वीना को बुलाकर गाड़ी में ही करवानी पड़ी। जिसके चलते महिला रेखा देवी ने बेटे को जन्म दिया। परिवार वालों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रेखा कि 19 मई को रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी, तब से वह घर में ही आइसोलेट थी।
वहीं आंगनवाड़ी वर्कर रेखा के पति रंजीत सिंह बताते है कि उसकी पत्नी को शनिवार देर रात 2 बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। जिसके बाद महिला को सरकारी अस्पताल में ले जाने के लिए 108 नंबर पर कॉल किया गया। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एंबुलेंस की सुविधा भी नहीं दी गई। साथ ही सरकारी अस्पताल में ये कहकर भर्ती करने से भी मना कर दिया कि वो कोरोना संक्रमित है।
साथ ही रंजीत सिंह ने बताया कि प्रसव पीड़ा ज्यादा होने के कारण महिला को प्राइवेट वाहन से किसी प्राइवेट डॉक्टर के पास जाने के लिए घर से निकले तो बीच रास्ते में ही गाड़ी खराब हो गई। जिसके बाद तलवाड़ा गांव के नजदीक एएनएम को बुलाया गया। जहां उन्होंने समय से पहुंचकर महिला की डिलीवरी कराई।
महिला के पति रंजीत ने आगे ये भी बताया कि रविवार सुबह जाखल अस्पताल से फोन आने पर उसकी पत्नी और बच्चे को वहां एडमिट किया गया है। वहीं इस मामले को लेकर मेडिकल ऑफिसर कमलप्रीत कहते है कि परिजन गर्भवती महिला को लेकर अस्पताल में आए ही नहीं। जबकि उन्होंने यहां कोविड-19 सेंटर भी बनाया हुआ है।
साथ ही वो आगे कहते है कि ऐसी हालत में महिला को अस्पताल लाने पर जरूर एडमिट किया जाता है। साथ ही ये आरोप भी लगाए कि परिजन खुद महिला को लेकर निजी अस्पताल जा रहे थे। अब जाकर जच्चा बच्चा को यहां एडमिट कराया गया है। जिसके बाद दोनों के सैंपल लेकर भेजे गए हैं। अब रिपोर्ट आने के बाद प्रोटोकॉल के अनुसार ही जच्चा-बच्चा को आगे रखा जाएगा।