कोरोना से मौत के आकड़ो में आई कमी, प्रयागराज के श्मशान घाटो पर दिखा असर
पूरे देश में जिस तरीके से कोरोनावायरस के संक्रमण की रफ्तार में कमी आई है उससे सरकार और आम जनता ने राहत की सांस ली है । संगम शहर प्रयागराज में भी इसका खासा असर देखने को मिल रहा है। कुछ दिन पहले प्रयागराज के श्मशान घाट पर लाशों का अंबार देखने को मिला था लेकिन अब तस्वीर कुछ अलग ही दिखाई दे रही है, कोरोना से मौत की आकड़ो में काफी कमी आई है। प्रयागराज प्रशासन अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर गरीब लोगों की मदद के लिए आगे आया है और श्मशान घाटों पर आला अधिकारियों के दिशा निर्देश पर टीम को गठित कर दिया है। यह टीम शवों को दफनाने और गंगा में शवों को प्रवाहित करने से रुकेगी साथ ही जिन गरीब परिवारों के पास पैसे नहीं होंगे उनको भी 5000 की आर्थिक मदद देकर अंतिम संस्कार करवा रही है । प्रयागराज के अलग-अलग श्मशान घाटों पर पुलिस की टीम, नगर निगम की टीम, सिविल डिफेंस और पीएसी के साथ-साथ जल पुलिस को भी तैनात किया गया है जो लगातार निगरानी कर रही है ।
प्रयागराज नगर निगम के जोनल अधिकारी सत्य प्रकाश सिंह का कहना है कि मौत के आंकड़ों में काफी नियंत्रण है और जो भी पीड़ित परिवार जो बेहद गरीब है उनको आर्थिक मदद की जा रही है ,साथ ही साथ शव के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी भी मुहैया कराई जा रही है। हर श्मशान घाटों पर शव नियंत्रण कमेटी के सदस्यों को भी लगाया गया है जो लगातार लोगों को जागरूप करके शव को जलाने के प्रेरित कर रहे है।
उधर प्रशासन और सरकार के द्वारा उठा रहे लाभ की आम जनता जमकर सराहना कर रही है ।जो लोग अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंच रहे हैं उनको प्रशासन द्वारा काफी सहूलियत दी जा रही है । कोविड से अपने मौसा को खोने वाले छोटू का कहना है कि उनका परिवार बहुत गरीब है और उनके पास इतना प्रयास पैसा नहीं है कि वह लकड़ी खरीद सके ,जिसकी वजह से वह नैनी के देवघर श्मशान घाट आये की शव को दफना देंगे लेकिन प्रशासन के सहयोग से उनको ₹5000 रुपये दिए गए ताकि वह लकड़ी खरीद सकें और अपने परिजन का अंतिम संस्कार कर सकें ।