हंसते खेलते परिवार पर कोरोना का साया, 25 दिन में तीन सगे भाईयों समेत मां ने तोड़ा दम

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दतिया में एक परिवार पर कोरोनावायरस रूपी काल की ऐसी नजर पड़ी कि एक हंसता खेलता परिवार उजड़ गया। महज 25 दिनों में कोरोना संक्रमण ने तीन सगे भाई और मां को लील लिया। परिवार के 4 सदस्यों जिनमें रेलवे में इंजीनयर भुवनेश्वर, शिक्षक संदीप, शिक्षक लिटिल और मां मालती के निधन से शहर में शोक की लहर है।

 

जानकारी के मुताबिक, कुंजनपुरा निवासी पूर्व प्राचार्य स्व. रामकुमार त्रिपाठी के घर इस महामारी की एंट्री हुई जहां इसके कहर से धीरे धीरे 25 दिन में 4 सदस्यों की मौत हो गई। सबसे पहले रेलवे में इंजीनयर बड़े भाई भुवनेश्वर त्रिपाठी इसकी चपेट में आए। इटारसी रेलवे हॉस्पीटल में एक माह इलाज चला। जहां सेहत में सुधार न हो पाने के कारण वे भोपाल आ गए। बड़े भाई को देखने के लिए छोटे भाई संदीप त्रिपाठी व बॉबी त्रिपाठी भोपाल पहुंचे। जहां सेहत में गड़बड़ी होने के चलते उन्होंने भी चिरायु में सिटी स्कैन कराया। इसमें संदीप स्वस्थ निकले लेकिन बॉबी के लंग्स में इन्फेक्शन निकाल। बॉबी इलाज के लिए भोपाल में ही भर्ती हो गए। कुछ दिन बाद बॉबी तो ठीक हो गए। लेकिन बड़े भाई भुवनेश्वर की हालत में सुधार नहीं हुआ। इस बीच बॉबी और संदीप दतिया अपने घर वापस आ गए। उन्हें दतिया अस्पताल में भर्ती कराया गया।

दतिया वापस आने पर संदीप की तबियत बिगड़ गई और सबसे छोटे भाई लिटिल त्रिपाठी की भी हालत नाजुक हो गई। संदीप और लिटिल को दतिया में भर्ती कराया गया लेकिन उनकी हालत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें 29 अप्रैल को निजी एंबुलेंस से 29 अप्रैल की रात दतिया से भोपाल के लिए रवाना हुए। लेकिन रास्ते में संदीप का निधन हो गया। परिवार के कुछ सदस्य संदीप का शव लेकर दतिया रवाना हुए तो कुछ सदस्य लिटिल को लेकर भोपाल के चिरायु अस्पताल पहुंचे। चिरायु में भर्ती कराया गया। इससे पहले कि परिवार संदीप की मौत से उभर पाता 2 मई को संदीप की मां मालती देवी का ऑक्सीजन लेवल गिरा और 6 मई को उनका भी निधन हो गया। मां व भाई की खबर के बाद चिरायु में भर्ती बड़े भाई भुवनेश्वर ने भी 9 मई को दम तोड़ दिया। इधर लिटिल की हालत में भी सुधार नहीं हो रहा था। करीब 25 दिन के संघर्ष के बाद 24 मई को लिटिल ने भी दम तोड़ दिया। या यूं कहे कि महज 25 दिन में 3 होनहार बेटों के साथ मां ने दुनिया को अलविदा कह दिया।