हांगकांग में तियानमेन बरसी से पहले डरी सरकार, कार्यक्रमों पर रोक व स्क्वायर संग्रहालय किया बंद
हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक 4 जून को चीन में तियानमेन चौक नरसंहार की 3 बरसी से पहले चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की तैयारी में जुटे हैं। इस बीच लोकत्र सर्थकों के एक्शन से डरी हांगकांग सरकार ने चीन की 1989 की घातक कार्रवाई की याद में बने एक संग्रहालय को खुलने के तीन दिन बाद बंद करवा दिया ।
बरसी के मद्देनजर बीजिंग में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। तियानमेन चौक पर पुलिस जवान पहरा दे रहे हैं और सेना भी तैनात है ताकि प्रदर्शनकारियों को रोका जा सके। दरअसल, इस घटना के बाद से चीनी सरकार वैश्विक स्तर पर कड़ी आलोचना हुई। इसके बाद से अब तक चीनी सरकार सर्तकता बरतती है। वह तियानमेन चौक पर नरसंहार से जुड़े किसी भी प्रकार के मेमोरियल नहीं होने देती। हांगकांग अंतिम स्थान था जहां बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर पर केंद्रित कैंडल मार्च, विरोध प्रदर्शनों और अन्य कार्यक्रमों के साथ मनाया गया। लेकिन क्षेत्र में लोकतंत्र समर्थक सक्रियता को कुचलने के लिए चीन के एक अभियान के तहत हांगकांग अधिकारियों ने दूसरे वर्ष सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
संग्रहालय के आयोजकों ने कहा कि अधिकारियों द्वारा जांच के बाद कि क्या इसके पास सार्वजनिक प्रदर्शनियों का संचालन करने के लिए लाइसेंस था, इसे बंद कर दिया गया । हांगकांग एलायंस ऑफ पैट्रियटिक डेमोक्रेटिक मूवमेंट्स ऑफ चाइना ने कहा कि वह कर्मचारियों और आगंतुकों की रक्षा करना चाहता है, जबकि समूह ने कानूनी सलाह मांगी है। बता दें कि 31 साल पहले 4 जून, 1989 को कम्युनिस्ट पार्टी के उदारवादी नेता हू याओबैंग की मौत के खिलाफ हजारों छात्र तियानमेन चौक पर प्रदर्शन कर रहे थे। 3 और 4 जून की दरम्यानी रात को सेना ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की।
सेना ने उन पर टैंक चढ़ा दिया था। चीनी लोगों के अनुसार उस घटना में 3000 लोग मारे गए थे जबकि चीनी सरकार कहती है कि 200 से 300 लोग मारे गए थे। लेकिन इस बारे में यूरेपीय मीडिया ने 10 हजार लोगों के नरसंहार की आशंका जताई थी। इसके अलावा सार्वजनिक स्मारकों को मुख्य भूमि पर लंबे समय से प्रतिबंधित कर दिया गया है। कार्रवाई में मारे गए लोगों के रिश्तेदारों को अक्सर बरसी से पहले ही अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिया जाता है या परेशान किया जाता है।