World Environment Day 2021: देशभर के लिए नजीर बनेंगे दिल्ली के बायोडायवर्सिटी पार्क, बन रहा ये प्लान
दिल्ली : दिल्ली के सात बायोडायवर्सिटी पार्क देशभर के लिए नजीर बनने जा रहे हैं। पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन में इन पार्कों की सफलता कृषि विकास केंद्रों के जरिये हर राज्य में किसानों और जनता को जागरूक करने का आधार बनेगी। जिला स्तर तक बायोडायवर्सिटी मेले और फोटो प्रदर्शनी लगाने के साथ-साथ अनेक ऐसी गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी, जिनसे जैव विविधता के संरक्षण का महत्व सभी को समझ आ सके।गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सन 2002 में बायोडायवर्सिटी एक्ट तो बना दिया, 2004 में नेशनल बायोडायवर्सिटी अथोरिटी (एनबीए) का गठन भी कर दिया। लेकिन, दिल्ली के अलावा कहीं भी इस दिशा में काम शुरू नहीं हुआ।
वर्ष 2018-2019 में जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इस पर कड़ा संज्ञान लिया तो कहीं जाकर मामला आगे बढ़ा। 28 राज्यों में राज्य स्तरीय बोर्ड गठन करने के साथ-साथ 2.75 लाख में करीब 2.50 लाख बायोडायवर्सिटी कमेटियां पंचायत स्तर पर गठित की गईं। शेष का भी गठन किया जा रहा है। अब अगले चरण में जैव विविधता को लेकर किसानों, आम जनता को जागरूक करने और जहां-जहां संभव हो बायोडायवर्सिटी पार्क तैयार करने की योजना है।जानकारी के मुताबिक एनबीए ने इस दिशा में एक प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को भेजा है। यह प्रस्ताव केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सहयोग से क्रियान्वित होगा।
प्रस्ताव में कहा गया है कि देशभर में 750 कृषि विकास केंद्र हैं। इन्हीं केंद्रों पर पंचायत स्तरीय सात सदस्यीय बायोडायवर्सिटी कमेटियों को सक्रिय किया जा सकता है। ये कमेटियां वहां आने वाले किसानों को जैव विविधता के बारे में जागरूक करेंगी और आम जनता को भी।
इस प्रस्ताव में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर केरल, उत्तराखंड, सिक्किम, गुजरात, आंध प्रदेश, महाराष्ट्र और लद्दाख इत्यादि सात राज्यों के 13 कृषि विकास केंद्रों से इस अभियान की शुरुआत का सुझाव दिया गया है।
यही नहीं, शहरीकरण की अंधी दौड़ में पीछे छूट रही प्रकृति को भी बचाया जा सकता है। यह भी बताया जाएगा कि दिल्ली में इन पार्कों के जरिये किस तरह से जीव- जंतुओं की संख्या को बढ़ाने के साथ ही यहां के भूजल स्तर और हवा की गुणवत्ता में सुधार किया गया।