कोरोना वैक्सीन लगवाने में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं काफी पीछे, जानिए क्यों
कोरोना की दूसरी लहर देश में कमजोर पड़ रही है इसी के साथ ही वैक्सीनेशन में तेजी आई है। 18 से ऊपर वालों के लिए भी वैक्सीनेशन शुरू हो गया है। दरअसल कोरोना की तीसरी लहर से पहले सरकार चाहती है कि सबको वैक्सीन लग जाए। इस बीच खबर है कि भारत में पुरुषों के मुताबले महिलाएं वैक्सीन लगवाने में काफी पीछे हैं। भारत में अब तक जितनों को वैक्सीन लगी है उसमें 1000 पुरुषों में मात्र 854 महिलाएं शामिल हैं। महिलाओं के कम वैक्सीनेशन के पीछे लिंगानुपात को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
- केरल और छत्तीसगढ़ दो ऐसे राज्य हैं जहां पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने टीका लगवाया है। छत्तीसगढ़ में वयस्क आबादी का लिंगानुपात प्रति 1,000 पुरुषों पर 1013 महिलाओं का है। लेकिन अगर यहां
- टीकाकरण वाली आबादी की बात करें तो महिलाओं का अनुपात प्रति 1,000 पुरुषों पर 1,045 महिलाएं हैं।
- दूसरी तरफ केरल में वयस्क आबादी का लिंगानुपात 1000 पुरुषों पर 1126 महिलाओं का है, यानि कि 1000 पुरुषों में 1,087 महिलाओं ने वैक्सीन लगवाई है।
- हिमाचल प्रदेश में वैक्सीन लगवाने वालों में 50% महिलाएं हैं।
- राजस्थान में आबादी के 30 प्रतिशत लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है वहां पर 48 प्रतिशत महिलाओं को टीका लगाया जा चुका है।
- यूपी में केवल 12% वयस्क आबादी का टीकाकरण किया गया है। यहां वयस्क लिंगानुपात 1000 पुरुषों में 936 महिलाओं का है, जबकि यहां पर 1000 पुरुषों में सिर्फ 746 महिलाओं का ही टीकाकरण किया गया है।
वैक्सीन न लगवाने का कारण
- महिलाओं के टीकाकरण में कमी की बड़ी वजह उनका घर से बाहर न निकलना माना जा रहा है।
- महिलाएं ऑनलाइन अपने स्लॉट बुक करने में असमर्थ दिख रही हैं।
- कम टीकाकरण का एक कारण यह भी हो सकता है कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में लैंगिक विषमता अधिक है।