कोसी, लाल गंगा भी उफनाई, गंडक, बूढी गंडक हुईं खतरे के निशान पार; बागमती अभी खतरे के निशान से 2 मीटर नीचे, प. चंपारण व मुजफ्फरपुर के कई क्षेत्रों में सड़क संपर्क टूटा
नेपाल और बिहार के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश के कारण मुजफ्फरपुर, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। गंडक, बूढी गंडक के साथ अब कोसी भी खतरे के निशान को पार कर गई है। गंगा समेत सूबे की प्रमुख नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। वैसे गंडक का जलस्तर वाल्मीकिनगर में कम हो रहा है। पिछले 24 घंटे में उसमें लगभग 1.70 लाख क्यूसेक की कमी आई। कोसी गुरुवार को सहरसा के बलुआ ब्रिज के पास खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई। वहां वह खतरे के निशान से पांच सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।
कोसी पहले ही वीरपुर में खतरे के निशान से 28 सेंटीमीटर ऊपर थी। उधर, बाढ़ से पश्चिमी चंपारण के कई प्रखंडों का जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है तथा सड़कों में आई दरार और सड़कों पर बह रहे पानी के कारण आवागमन पूरी तरह ठप हो चुका है। लोग पलायन कर रहे हैं। नरकटियागंज के 5 प्रखंडों के 42 गांव बाढ़ प्रभावित है वहीं बगहा के 7 प्रखंडों में लगभग 85 गांव बाढ़ प्रभावित हैं। दूसरी तरफ मुजफ्फरपुर में भी बूढ़ी गंडक का जलस्तर रिकॉर्ड 2 मीटर और गंडक का जलस्तर 1 मीटर 40 सेंटीमीटर बढ़ गया। हालांकि, बागमती का जलस्तर कटौझा में खतरे के निशान से 2 मीटर नीचे स्थिर था।
बिहार में तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर
गंगा पूरे बिहार में लगातार ऊपर बढ़ रही है। इसके जलस्तर में बक्सर, पटना, मुंगेर, भागलपुर में तेजी से वृद्धि हो रही है। पटना के दीघा में इसके जलस्तर में पिछले 24 घंटे में 65 सेमी, गांधीघाट पर 58 सेमी और हाथीदह में 76 सेमी की वृद्धि हुई जबकि मुंगेर में 1.05 मीटर, भागलपुर में 34 सेमी की बढ़ोतरी हुई है। गंडक गोपालगंज के डुमरियाघाट में खतरे के निशान से ऊपर है तो बूढ़ी गंडक चनपटिया में खतरे के निशान से ऊपर है।
जून का काेटा पूरा, 17 दिन में 181 एमएम वर्षा
पटना|बिहार में जून महीने में 30 दिनों के अंदर होने वाली बारिश का रिकाॅर्ड 16 दिनों में ही पूरा हो चुका है। जून महीने में आमतौर पर 167 एमएम बारिश होती है। हालांकि, 17 दिनों के अंदर ही 181 एमएम बारिश रिकाॅर्ड की गई। सबसे अधिक बारिश पश्चिम चंपारण में रिकाॅर्ड की गई। वहां पर 17 दिनों के अंदर 505 एमएम बारिश हुई। जो सामान्य से 415.5 एमएम अधिक है। सबसे कम बारिश अरवल में हुई है। वहां 17 दिनों के अंदर 103 एमएम बारिश रिकाॅर्ड की गई।